अमरावती

राज्यस्तरीय संत गाडगेबाबा मराठी साहित्य सम्मेलन 23 को अमरावती में

अखिल भारतीय मराठी साहित्य परिषद के पदाधिकारियों ने पत्रकार परिषद में दी जानकारी

अमरावती/दि.28- अखिल भारतीय मराठी साहित्य परिषद पुणे के अमरावती विभाग व्दारा आगामी 23 जुलाई को संत गाडगेबाबा राज्यस्तरीय मराठी साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जाने वाला है, ऐसी जानकारी आज यहां आयोजित पत्रकार परिषद में संगठना के विभागीय अध्यक्ष शिवा प्रधान, जिलाध्यक्ष डॉ. नंदकिशोर पाटिल तथा उपाध्यक्ष पद्माकर मांडवधरे ने दी.
पत्रकार परिषद में बताया गया कि, यह माराठी साहित्य सम्मेलन संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ में स्व. के.जी. देशमुख सभागृह में होगा. लेकिन उस समय इस सभागृह का नाम पूर्व कुलगुरु स्व. दिलीप मालखेडे रहेगा और इस सम्मेलन को संत गाडगेबाबा साहित्य नगरी नाम दिया गया है. सम्मेलन में राज्य से 300 प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे. सम्मेलन के लिए शासन अथवा किसी भी राजनीतिक व्यक्ति की तरफ से कोई राशि नहीं ली गई है. यह सम्मेलन परिषद के प्रतिनिधि से और चंदा जमा कर इकट्ठा की गई है. इस सम्मेलन में सामाजिक दृष्टि से प्रबोधनकारी विचार रखे जाएंगे.
23 जुलाई को आयोजित इस सम्मेलन के अवसर पर सुबह 9 बजे गाडगेबाबा समाधी स्थल से ग्रंथ दिंडी निकाली जाएगी. सम्मेलन का उद्घाटन सुबह 10.30 बजे होगा. पश्चात दोपहर 12.15 बजे परिसंवाद, दोपहर में भोजन अवकाश के बाद 2.30 बजे कवि सम्मेलन और शाम 5.35 से 6.35 बजे तक समापन समारोह होगा. पत्रकार परिषद में शिवा प्रधान, डॉ. नंदकिशोर पाटिल, पद्माकर मांडवधरे, राज इंगले, संजय वाघुले, हिरा गवई, वर्षा इंगले, प्रा. संजय धांडे, डॉ. राजेंद्र बनसोड, राजकुमार भगत, योगिता वानखडे, विजय भितकर, राम शेजव, प्रा. डॉ. गजानन हेरोले, प्रा. अनीता धुर्वे, अविनाश रोकडे, मिलिंद इंगले, अंजली वैराले, प्रतिभा प्रधान, कुंदा डांगे, अनीता रोडगे आदि उपस्थित थे.
* गाडगेबाबा के जन्मस्थान से प्रचार प्रारंभ
जिले के अंजनगांव सुर्जी तहसील में आनेवाले शेंडगांव संत गाडगेबाबा के जन्मस्थान से सम्मेलन का प्रचार प्रारंभ होगा और विभाग के पांचों जिलों में यह प्रचार यात्रा रही. ग्रंथ दिंडी में पांच जिलो के ग्रंंथ दिंडियों का समावेश रहेगा. साथ ही प्रत्येक दिंडी में प्रबोधनकारी विचारों की ग्रंथ संपदा रहेगी. सम्मेलन में उद्घाटन सत्र में कवि, लेखकों के ग्रंथ, पुस्तकों का प्रकाशन सम्मेलनाध्यक्ष व मान्यवरों के हाथों होगा. साथ ही प्रतिनिधि व्दारा प्रस्तुत होने वाले काव्य कृति को सम्मानपत्र देकर तथा सम्मान चिन्ह व संत गाडगेबाबा साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. अंत में राष्ट्रगीत के साथ इस एक दिवसीय मराठी साहित्य सम्मेलन का समापन होगा.

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