राज्य के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक लिमये ने किया मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प का दौरा
अति दुर्गम क्षेत्र में कार्यरत वन कर्मियों को आवश्यक सुविधाएं देने की बात कही
अमरावती/दि.12- हाल ही में राज्य के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) तथा मुख्य वन्यजीव रक्षक सुनील लिमये ने मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प का दौरा किया और इस अति संरक्षित वन्यक्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर भेंट देते हुए अतिदुर्गम क्षेत्र में वनों का संरक्षण करनेवाले वन कर्मचारियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश भी वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों के नाम जारी किये.
अपने इस दौरे के तहत प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील लिमये ने व्याघ्र प्रकल्प के अलग-अलग स्थानों का दौरा करते हुए इस वन्य क्षेत्र में तैनात क्षेत्रीय अधिकारियोें तथा वन कर्मचारियों से संवाद भी साधा. साथ ही उन्होंने एसटीपीएफ कर्मचारियों से मुलाकात करते हुए उनकी समस्याओं व दिक्कतों को जाना और इन समस्याओं का निराकरण करने का निर्देश स्थानीय वन अधिकारियों को जारी किया. इसके साथ ही प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील लिमये ने अकोट व गुगामल वन्यजीव विभाग के अति दुर्गम क्षेत्र में स्थित कोकरजांबू व गुगामल की संरक्षक कुटियों को भी भेंट दी. साथ ही उन्होंने गुगालम वन्यजीव विभाग में पोहा नाके तथा धुलघाट वन्यजीव परिक्षेत्र के चीचाथावडा में वन संरक्षक कुटी का उद्घाटन भी किया. यह संरक्षक कुटी महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित है और सालईगोंद की तस्करी एवं अवैध चराई को रोकने हेतु यह कुटी बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. इसके साथ ही प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील लिमये ने धारगड वन परिक्षेत्र मुख्यालय को भी भेंट दी और जंगल में लगनेवाली आग पर नियंत्रण प्राप्त करने के साथ ही वन संरक्षण के लिए उल्लेखनीय कार्य करनेवाले रोजंदारी व नियमित वन मजदूर, वनरक्षक, वनपाल, वन परिक्षेत्र अधिकारी, सहायक वन संरक्षक एवं उपवन संरक्षक का सत्कार उनके हाथों किया गया. साथ ही इस समय वन कामगारों एवं क्षेत्रीय कर्मचारियों को आवश्यक साहित्य का वितरण भी किया गया.
इस अवसर पर अमरावती प्रादेशिक वनविभाग की मुख्य वन संरक्षक तथा मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की संचालक जयोती बैनर्जी, औरंगाबाद वनवृत्त के मुख्य वनसंरक्षक सत्यजीत गुजर, गुगामल वन्यजीव विभाग के उपवनसंरक्षक सुमंत सोलंके, धुलघाट की वन परिक्षेत्र अधिकारी शुभांगी डेहनकर, विभागीय वन अधिकारी नवकिशोर रेड्डी, सहायक वनसंरक्षक इंद्रजीत निकम व विभागीय वन अधिकारी मनोज खैरनार आदि इस दौरे में उपस्थित थे.
* दीपाली चव्हाण को नहीं भूला वन विभाग
अपने इस दौरे के तहत राज्य के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक सुनील लिमये ने धुलघाट वन्यजीव परिक्षेत्र के चीचाथावडा में जिस वनसंरक्षक कुटी का उद्घाटन किया है, उस कुटी का नाम दीपाली कुटी रखा गया है. ज्ञात रहे कि, हरिसाल की वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण ने विगत वर्ष अपने वरिष्ठाधिकारियों की प्रताडना से तंग आकर अपने सरकारी आवास पर खुद को गोली मारते हुए आत्महत्या कर ली थी. मूलत: सातारा जिले से वास्ता रखनेवाली दीपाली चव्हाण का वन सेवा के लिए चयन होने के बाद उन्हें पहली पोस्टिंग मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के धुलघाट वन्यजीव विभाग में ही दी गई और उन्होंने यहां पर वन्यजीव व वनसंपदा की तस्करी को रोकने हेतु काफी प्रभावी तरीके से काम किया था. पश्चात उनका तबादला हरिसाल परिक्षेत्र में किया गया था. जहां पर उक्त अप्रिय व अवांछित घटना घटित हुई. ऐसे में वन विभाग ने दीपाली चव्हाण जैसी अपनी शानदार व कर्तव्यदक्ष महिला अधिकारी को श्रध्दांजलि देने हेतु उनकी पहली पोस्टींगवाले स्थान पर बनाई गई वन संरक्षक कुटी का नाम दीपाली कुटी रखा है, ताकि इस क्षेत्र में दीपाली चव्हाण की यादों को हमेशा ताजा रखा जा सके.