अमरावती

राज्यशास्त्र कनिष्ठ महाविद्यालयीन परिषद का राज्यव्यापी आंदोलन

राज्याध्यक्ष प्रा. सुमित पवार के नेतृत्व में सौंपा निवेदन

अमरावती/दि.4– राज्यशास्त्र कनिष्ठ महाविद्यालय परिषद की ओर से 3 जून को राज्यव्यापी आंदोलन हेतु संपूर्ण महाराष्ट्र में आयोजन किया गया. राज्यशास्त्र परिषद के राज्यभर के सदस्यों द्वारा राज्य के सभी जिलाधिकारी मार्फत मुख्यमंत्री को 3 जून की सुबह 11 बजे विविध मांगों के लिए संविधानिक पद्धति से निवेदन दिया गया.
निवेदन में कहा गया है कि विद्यापीठ स्तर के महाविद्यालयों में भारतीय संविधान की पहचान यह विषय सभी शाखा के लिए लागू करने का निर्णय उच्च शिक्षण मंत्री ने लिया व स्वागतयोग्य है. लेकिन शालेय शिक्षण मंत्री का निर्णय इसके विपरीत दिखाई दिया. नये सुधारित मूल्यमापन पद्धति के शासन निर्णयानुसार यह विधय ग्रुप ब में डालकर वह सिर्फ ऑप्शन विषय के रुप में कला व वाणिज्य शाखा के लिए मर्यादित किया गया. जिसके चलते जिस संविधान के अनुसार देश का कारभार चलता है, उस संविधान के अभ्यास से विद्यार्थियों को दूर रखा गया. राज्य शासन की यह पूरी तरह से दोतर्फा भूमिका दिखाई दे रही है.इसके साथ ही गत 20 से 25 वर्षों से कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षक यह विनाअनुदानित शाला में अध्यापन का काम कर रहे हैं. ऐले शिक्षकों को भूखे रहकर अध्यापन का काम करना पड़ता है, यह अत्यंत दयनीय स्थिति है. जिसके चलते शासन ने तुरंत कनिष्ठ महाविद्यालयीन स्तर के अघोषित हो या 20 प्रतिशत अथवा 40 प्रतिशत हो इन सभी को 100 प्रतिशत अनुदान दिये जाने सहित विविध मांगें रास्यशास्त्र परिषद के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. सुमित पवार के नेतृत्व में की गई.
संविधानिक पद्धति से राज्य के सभी राज्यशास्त्र कनिष्ठ महाविद्यालयीन प्राध्यापकों ने निवेदन देने के लिए 3 जून के राज्यव्यापी आंदोलन में बड़ी संख्या में सहभागी सभी जिलाधिकारी कार्यालय में उपस्थित थे.अमरावती जिलाधिकारी कार्यालय में परिषद के संस्थापक अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रा.प्रफुल्ल श्रीखंडे,प्रा.मनोज कुमार जाधव,प्रा.बबिता पोटदुखे,प्रा.जयश्री कलसकर,प्रा.पवन देशमुख, प्रा. सतीष ठाकरे,प्रा.आशिष निमकर,प्रा.दामोदर वाटाणे, प्रा. दिनेश मेश्राम, प्रा. पंकज टवलारे, प्रा.मोरेश्वर इंगले, प्रा. मिलिंद चिरडे, प्रा. निलेश माहोरे, प्रा.शिल्पा चौधरी, प्रा.सरला ढोले,प्रा.रहमत अहमद, प्रा.राहुल गवई,प्रा. अविनाश राठोड, भुषण सरदार, प्रतिक सोनोने आदि उपस्थित थे.

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