प्रतिनिधि/दि.१८
अमरावती-इस समय अमरावती शहर के लगभग सभी इलाकों में कोरोना का संक्रमण बडी तेजी के साथ फैल रहा है और कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद से स्थिति काफी विकराल होती जा रही है. ऐसे में अब इस बीमारी के खिलाफ जंग जीतने के लिए जनसहभाग व स्वअनुशासन का होना बेहद जरूरी है. जिसके चलते प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल की हेल्पलाईन द्वारा शुरू किया गया उपक्रम बेहद जरूरी व स्तुत्य उपक्रम है. साथ ही इस उपक्रम को शहर के सभी इलाकों में प्रभावी तौर पर लागू किया जाना चाहिये. इस आशय का प्रतिपादन शहर के पूर्व महापौर व पार्षद मिलींद चिमोटे ने किया है. बता दें कि विगत दिनों हव्याप्रमं में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की एक बैठक आयोजीत की गई थी. जिसमें मोहल्ला समितियों के गठन पर चर्चा हुई. इस बैठक में मिलींद चिमोटे ने अपनी ओर से कुछ प्रस्ताव रखे. जिनसे प्रभावित होकर हव्याप्रमं के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रा. प्रभाकरराव वैद्य ने लिखित तौर पर चिमोटे से सभी सुझाव मंगवाये. जिसके चलते मिलींद चिमोटे ने गत रोज पद्मश्री प्रा. वैद्य को एक पत्र लिखकर सुझाव दिया कि, प्रत्येक ५०० लोगों की बस्ती पर एक मोहल्ला समिती होनी चाहिए. जिसमें संबंधित क्षेत्रों के संगठक कार्यकर्ता व वैद्यकीय क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियोें का समावेश होना चाहिये. एक प्रभाग में रहनेवाले ऐसी सभी मोहल्ला समितियों के उपर एक समन्वय समिती रहेगी. जिसमें समन्वयक के तौर पर संबंधित क्षेत्र व वॉर्ड के नगरसेवक जिम्मा संभालेंगे. इन समितियों द्वारा अपने क्षेत्र में रहनेवाले लोगोें को कोरोना के संदर्भ में जागरूक करने के साथ ही संदेहित पाये जानेवाले लोगोें को स्वास्थ जांच कराने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. साथ ही ऐसे लोगों की जानकारी से प्रशासन को अवगत कराया जायेगा. इसके अलावा मोहल्ला समितियों द्वारा इस बात की ओर विशेष तौर पर ध्यान रखा जायेगा कि, उनके निवासवाले कार्यक्षेत्र में कही पर भी लोगोें का जमावडा व जमघट न होने पाये. इसके अलावा समन्वय समिती में शामिल लोग समय-समय पर हेल्पलाईन, जिला प्रशासन, मनपा प्रशासन व पुलिस प्रशासन के साथ संपर्क में रहते हुए जानकारियों का आदान-प्रदान करेंगे. इसके अलावा चिमोटे ने यह सुझाव भी दिया कि, इन दिनों अमरावती शहर में जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ रही है, उसे देखते हुए बहुत जल्द कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या अपर्याप्त साबित होगी. ऐसे में हेल्पलाईन द्वारा शहर के निजी अस्पतालों को कोरोना इलाज के लिए तैयार करने और वहां व्यवस्था उपलब्ध कराने की दिशा में भी प्रयास करने होंगे. इसके अलावा इस अभियान के साथ शहर के सभी व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों को भी जोडा जाना चाहिए, ताकि वे भी अपने यहां आनेवाले ग्राहकों को कोरोना के खतरे के प्रति जागरूक कर सके. साथ ही साथ वे खुद भी कोरोना के खतरे से सुरक्षित रह सके.