इर्विन में राज्य का पहला नेत्र प्रत्यारोपण विभाग शुरू
धारणी के 22 वर्षीय युवक की हुई सफल नेत्र प्रत्यारोपण शल्यक्रिया
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जिलाधीश पवनीत कौर ने किया अस्पताल का मुआयना
अमरावती/दि.26 – स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल में अब नेत्र प्रत्यारोपण विभाग शुरू हो गया है. समूचे राज्य में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में नेत्र प्रत्यारोपण विभाग शुरू हुआ है. अत्याधुनिक सुविधाओं व सुसज्जित उपकरणों से परिपूर्ण इस नेत्र प्रत्यारोपण विभाग में मरीज के भरती होने से लेकर वापिस घर जाने तक सभी सुविधाएं व इलाज पूरी तरह से नि:शुल्क है. गत रोज जिलाधीश पवनीत कौर ने जिला सामान्य अस्पताल में शुरू किये गये नेत्र प्रत्यारोपण विभाग का दौरा व मुआयना करते हुए कहा कि, जिले के नेत्ररोगियों हेतु यह सुविधा निश्चित ही उपयोगी साबित होगी.
गत रोज जिलाधीश पवनीत कौर व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविश्यांत पंडा ने जिला सामान्य अस्पताल के नेत्र विभाग को भेंट देकर नेत्र प्रत्यारोपण व इससे संबंधित प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल की. इस समय जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम, नेत्र विभाग प्रमुख डॉ. नम्रता सोनवने, नेत्र शल्य चिकित्सक डॉ. कुणाल वानखडे, डॉ. दिप्ती उमरे, जिला नेत्रदान समुपदेशक निलेश ठेंगले व भारत गोयनका, जिला कार्यक्रम व्यवस्थापक डॉ. संतोष भोंडवे तथा हरीना नेत्रदान समिती के चंद्रकांत पोपट आदि उपस्थित थे.
मेलघाट व चुरणी के मरीजों को जिलाधीश के हाथों भेंट वस्तु
जिला सामान्य अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन हेतु भरती मेलघाट व चुरणी के चार मरीजों की दोनों आंखों पर सफलतापूर्वक शल्यक्रिया की गई. इन सभी मरीजों से जिलाधीश पवनीत कौर ने आस्थापूर्वक बातचीत करने के साथ ही उन्हें गुलाबपुष्प व भेंट वस्तु प्रदान की. साथ ही उन्होंने मरीजों व उनके परिजनों के भोजन व निवास की व्यवस्था के बारे में पूछताछ की. इस समय जिलाधीश पवनीत कौर ने कहा कि, मेलघाट जैसे अतिदुर्गम क्षेत्र से आनेवाले मरीजों को बार-बार अस्पताल में जांच हेतु आने-जाने की तकलीफ न हो, इस बात के मद्देनजर उन्हें अन्य मरीजोें की तुलना में 4 से 5 दिन अधिक समय तक अस्पताल में रखा जाये और उनका पूरा इलाज करने के बाद उन्हें डिस्चार्ज दिया जाये.
लखन दुबारा देखेगा दुनिया
जिला सामान्य अस्पताल में नेत्र प्रत्यारोपण विभाग शुरू होने के बाद सबसे पहले धारणी के टेंभली गांव में रहनेवाले लखन मधु येवले नामक 22 वर्षीय युवक पर नेत्र विशेषज्ञ डॉ. पंकज लांडे के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक नेत्र प्रत्यारोपण किया गया. लखन येवले विगत दो वर्षों से दृष्टि दोष की समस्या से जूझ रहे थे और अब इस सफल शल्यक्रिया के चलते उन्हें दुबारा आंखोें की रोशनी प्राप्त हुई है और वे अब पहले की तरह सबकुछ साफ-साफ देख सकते है. जिसकी लखन येवले ने खुशी भी जतायी. जिलाधीश पवनीत कौर ने लखन येवले से भी मुलाकात करते हुए उसे भेंट वस्तु प्रदान की और उसकी तबियत का हालचाल जाना.