
* जाधव पैलेस में अधिवेशन
अमरावती/ दि. 1-श्री गणेश मूर्तिकार फाउंडेशन, विदर्भ कुंभार समाज मूर्तिकार संगठन ने पीओपी की मूर्तियों पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के निर्णय का कडा विरोध करते हुए कल रविवार 2 मार्च को यहां बडनेरा रोड के जाधव पैलेस में राज्यस्तर का अधिवेशन आयोजित किया है. जिसमें मुुंबई समेत राज्य के सभी मूर्तिकार भाग ले रहे हैं. अधिवेशन के माध्यम से पीओपी बैन होने पर हिंन्दुओं का गणेश उत्सव जैसा बडा त्यौहार प्रभावित होने की तरफ राज्य शासन का ध्यान आकृष्ट किया जायेगा. यह जानकारी आज दोपहर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अध्यक्ष गजानन गुजरे, सचिव सचिन कोलेश्वर ने दी. इस समय अमोद जोहरे, सुरेश चिलोरकर, नरेश जोहरे, दीपक गोरूले, शंकर मूंधरे, भूपेन्द्र पेंढारकर, नीलेश नांदुरकर, किशोर रोतले, मदन गुजरे, भगवान गोरूले और अन्य उपस्थित थे.
समय लगता है गलने में
पीओपी को पानी और मिट्टी में विलीन होने समय लगता है. लेकिन वह विलीन और रिसायकल होता है. यह दावा भी मूर्तिकारों ने किया. उन्होंने अनेक वैज्ञानिकों का नामोल्लेख कर कहा कि इन शोधकर्ताओं ने पीओपी को इको फ्रेंडली बताया. इन वैज्ञानिकों में डॉ. प्रमोद मोघे, डॉ. संदीप जोशी, डॉ. जयंत गाडगील, डॉ. शुभांगी उंबरकर, डॉ. मोहन डोंगरे का समावेश है. मूर्तिकारों ने दावा किया कि पीओपी रिसायकल का प्रकल्प पुणे में साकार किया जा रहा है.
मूर्तिकारों ने फिर भी पीओपी पर बैन करने के लिए पर्याय उपलब्ध करवाने की विनती सरकार से की है. उन्होंने शाडू मिट्टी को उचित पर्याय नहीं माना. सरकार द्बारा पर्याय देने तक पीओपी का उपयोग करने देने का अनुरोध सरकार से किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पीओपी संबंधी गाइड लाइन से गणेशोत्सव पर बडा संकट आ जायेगा. यह भी कहा कि मामला बंबई उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. तब तक छूट दी जानी चाहिए.