अमरावती

सजने लगी भगवान गणेश की मूर्तियां

भक्तों को पर्यावरण पूरक गणेशमूर्तियां उपलब्ध कराने मूर्तिकारों का प्रयास

* मनपा व शाडू मिट्टी मूर्तिकार संगठन की पहल
* इस बार 70 हजार मूर्तियां तैयार की जाएगी
अमरावती/दि.8- गणेशोत्सव को अब केवल तीन महिने शेष है. महाराष्ट्र में गणेशोत्सव सर्वत्र उत्साह से मनाया जाता है. अमरावती शहर में भी गणेशोत्सव में युवाओं का उत्साह चरम पर रहता है. गणेशोत्सव के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्र के मूर्तिकारों के कारखाने में मिट्टी की 70 हजार मूर्तियां तैयार की जा रही है. गणेश भक्तों को पर्यावरण पूरक मूर्तियां उपलब्ध कराने का प्रयास मूर्तिकारों का है. गणेशोत्सव शुरू होने में कुछ ही माह शेष है और मूर्तियों को समय पर तैयार करना मूर्तिकारों के लिए चुनौती जैसा है. इसलिए समय पर काम पूरा करने के लिए पूरे परिवार के सदस्य जुटे हैं. शाडू मिट्टी से निर्मित गणेश मूर्तियों कीमतों इस बार बढोतरी संभव है. हालांकि मिट्टी की मूर्ति पीओपी के मुकाबले थोड़ी महंगी है लेकिन मिट्टी को महत्व दिया जा रहा है. मिट्टी के दाम बढ़ने की वजह से मूर्तियां भी महंगी होने की संभावना है.
पिछले कुछ वर्षों से हर साल अमरावती महानगरपालिका पर्यावरण विभाग व शाडू मिट्टी मूर्तिकार संघ की पहल से शहर वासियों के लिए पर्याप्त प्रमाण में पर्यावरण पूरक आकर्षक गणेश मूर्तियां उपलब्ध की जा रही है. 8 हजार मूर्तियों से हुई यह शुरुआत इस वर्ष 62 हजार मूर्तियों तक पहुंची है. इस वर्ष में और भी बढोतरी होकर हर गणेशभक्त को मिट्टी की पर्यावरण पूरक गणेशमूर्ति उपलब्ध कराने का प्रयास मूर्तिकार कर रहे है, यह जानकारी शाडू मिट्टी मूर्तिकार संगठन ने दी. गणेशोत्सव के लिए कुछ महिने शेष है, वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पीओपी को विकल्प सुझाने संबंध में मार्गदर्शक सूचनाएं अब तक घोषित नहीं की. इसलिए अमरावती मनपा ने चार फूट से अधिक गणेशमूर्ति के लिए पीओपी का उपयोग करने अनुमति बढायी. चार फुट से कम उंची मूर्तियों के लिए शाडू मिट्टी का उपयोग अनिवार्य किया गया है. पर्यावरण के हो रहे नुकसान को देखते हुए पीओपी निर्मित मूर्तियों के बजाय शाडू मिट्टी की मूर्तियों को प्राधान्य देने का नियोजन मनपा प्रशासन ने किया है.
मिट्टी के मूर्तियों की मांग बढी
मनपा ने शहर में पर्यावरण पूरक मिट्टी की मूर्तियां तैयार करने के लिए मूर्तिकारों का प्रबोधन कर उन्हें प्रोत्साहित किया. जिसके फलस्वरूप अमरावती मनपा क्षेत्र में बडी संख्या में मिट्टी की मूर्तियां बनाने का काम शुरु हो गया है. व्यापक जनजागरूकता से नागरिकों द्वारा मिट्टी के मूर्तियों की मांग बढ गई है. अमरावती मनपा के इस उपक्रम की मुंबई महानगरपालिका ने भी प्रशंसा की है. आठ माह पूर्व यानी पिछले साल के गणेशोत्सव में मुंबई मनपा के अधिकारियों ने अमरावती में रहकर इस उपक्रम में मनपा की भूमिका का अध्ययन किया. अमरावती की तर्ज पर अब मुंबई मनपा द्वारा भी मूर्तिकारों को ज्यादा से ज्यादा मिट्टी की मूर्तियां बनाने प्रोत्साहित करने का नियोजन किया है.
* महंगाई की मार
महंगाई की मार मूर्तिकार परिवारों पर भी पड़ी है. मिट्टी से लेकर कलर के दाम बढ़ने से बड़ी मूर्तियों में बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा बांस, बत्ता, सुतली, पैरा, खीला, लकड़ी, कलर में बढ़ोतरी होने से इस बार मूर्तियों के दाम में बढोतरी संभव है.
मिट्टी की मूर्तियों का बढता ग्राफ
साल मिट्टी के मूर्तियाेंं की बिक्री
2017 – 6000
2018 -8000
2019 – 18,000
2021 -53,000
2022 – 62,000
2023 -70,000 (प्रस्तावित)

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