अमरावती

आउट सोर्सिंग के वर्क ऑर्डर पर ‘स्टेटस को’

हाईकोर्ट ने मनपा के नाम जारी किये नोटीस

* निविदा प्रक्रिया को लेकर इटकॉन्स ने दायर की थी याचिका
* मूल्यांकन पद्धति को लेकर जताई गई है आपत्ति
अमरावती/दि.26 – मनपा को कुशल व अकुशल मनुष्यबल की आपूर्ति करने हेतु दिये गए आउट सोर्सिंग एजेंसी के ठेके को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने अमरावती मनपा को नोटीस जारी किये. यह नोटीस जारी करते समय न्यायालय ने वर्ष 2021 व 2022 की निविदा प्रक्रिया के लिए अमल में लाई गई मूल्यांकन पद्धति की असमानता पर आपत्ति दर्ज करते हुए मनपा प्रशासन को जवाब देने हेतु कहा है. ऐसे में अब मनपा प्रशासन द्बारा अगले सप्ताह इस विषय को लेकर स्पष्टीकरण दिया जाएगा. तब तक मनपा द्बारा आउट सोर्सिंग एजेंसी के ठेके को लेकर जारी किये गए काम पर ‘स्टेटस को’ जारी रहेगा.
बता दें कि, मनपा के विभिन्न विभागों को कुशल व अकुशल मनुष्यबल की आपूर्ति करने के ठेके हेतु जेम पोर्टल के जरिए निविदा प्रक्रिया चलाई गई थी. जिसमें कुल 93 स्पर्धकों ने हिस्सा लिया था. पहले चरण में तकनीकी मानकों की पूर्तता नहीं कर सकने वाले निविदा धारक इस प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गये थे और 9 निविदा धारक रेस में बचे थे. इसके बाद आर्थिक मानकों के आधार पर 5 निविदा धारक रेस से बाहर हो गए और शेष 4 स्पर्धकों में से अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को ‘एल 1’ यानि लोयस्ट 1 के रुप में पात्र मानते हुए यह ठेका प्रदान किया गया. परंतु इसके बाद निविदा प्रक्रिया में स्पर्धक रहने वाले और इससे पहले आउट सोर्सिंग के काम का ठेका संभाल चुके इटकॉन्स ई-सोल्यूशन्स द्बारा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दाखिल की गई और अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को नियमों का उल्लंघन कर आउट सोर्सिंग के काम का ठेका दिए जाने का आरोप लगाया गया. इस याचिका को सुनवाई हेतु स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने मनपा प्रशासन से जवाब मांगा है.
अपनी याचिका में इटकॉन्स ई-सोल्यूशन द्बारा मुख्य रुप से इस बात को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है कि, वर्ष 2021 की निविदा प्रक्रिया में मनपा द्बारा जिस तरह से निविदाधारकों का मूल्यांकन किया गया, उस पद्धति को वर्ष 2022 की निविदा प्रक्रिया के लिए अमल में नहीं लाया गया. वर्ष 2021 में ‘एल 2’ रहने वाले निविदाधारक क्षितिज संस्था द्बारा अदालत में उपस्थित की गई आपत्तियां और इस बार याचिकाकर्ता द्बारा उपस्थित की गई आपत्तियां बिल्कुल एक समान है. परंतु उस समय न्यायालय ने मनपा द्बारा किये गये मूल्यांकन को योग्य ठहराते हुए क्षितिज संस्था की याचिका को खारिज कर दिया था. उसी पद्धति का मूल्यांकन इस बार भी अपेक्षित था. परंतु विगत 2 वर्षों की निविदा प्रक्रिया में मूल्यांकन की पद्धति विरोधाभास निर्माण करने वाली है. ऐसा याचिकाकर्ता इटकॉन्स संस्था द्बारा अपनी याचिका में कहा गया है.
इस याचिका में बताया गया है कि, वर्ष 2021 की निविदा प्रक्रिया में आउट सोर्सिंग के काम का ठेका देते समय भी पूर्णांक व अपूर्णांक का विवाद था. उस समय याचिकाकर्ता क्षितिज संस्था ने निविदा में अपनी दर दर्ज करते समय अपूर्णांक का प्रयोग किया था. जो पूर्णांक में अपेक्षित था. वहीं इस बार जिस कंपनी संस्था को आउट सोर्सिंग के काम का ठेका दिया गया है. उसकी दरें अपूर्णांक में है और इसके बावजूद भी उसे ठेका देना मंजूर किया गया. यह अपने आप में नियमों का उल्लंघन है. इटकॉन्स की ओर से दायर याचिका को सुनवाई हेतु स्वीकार करते हुए अदालत ने मनपा द्बारा अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को दिये गए वर्क ऑर्डर को लेकर फिलहाल स्थिति ‘जैसे थे’ रखने का आदेश दिया है और मनपा प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने हेतु कहा है. जानकारी के मुताबिक मनपा प्रशासन द्बारा सोमवार 28 नवंबर को न्या. एम. चांदवाणी व न्या. सुनील शुक्रे की अदालत के समक्ष अपना जवाब पेश किया जाएगा. जिसकी ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.

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