देर रात तक जागने से हो सकता है एपिलेप्सी का खतरा
रील्स व वेबसिरीज देखने के लिए देर रात तक जागते रहते है लोग
* आंखों व मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्क्रीन टाइम को कम करना जरुरी
अमरावती/दि.27– इन दिनों छोटे बच्चों को लेकर बडे लोगों तक सभी को मोबाइल, कम्प्यूटर व टीवी की मानो लत लग गई है तथा लोगबाग देर रात तक वेबसिरीज व रील्स देखने की आदत का शिकार हो रहे है. लेकिन इस आदत की वजह से अपस्मार यानि एपिलेप्सी की बीमारी हो सकती है. मस्तिष्क से संबंधित रहने वाली इस बीमारी का निदान व इलाज समय पर होना बेहद आवश्यक है. अन्यथा इस बीमारी व इसके दुष्परिणाम के बढने की संभावा होता है.
एपिलेप्सी की बीमारी को लेकर जागरुकता करने हेतु राष्ट्रीय एपिलेप्सी दिवस मनाया जाता है. वैसे तो यह सामान्य बीमारी का ही एक प्रकार है. एपीलिप्सी ग्रस्त लोगों को योग्य उपचार मिलने पर वे ठीक भी हो सकते है. इसी बात के मद्देनजर इस बीमारी को लेकर बडे पैमाने पर जनजागृति की जाती है. यदि किसी व्यक्ति को बार-बार झटके आते है, तो इसे इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण मानना चाहिए. 2 से अधिक झटके आने वाली शिकायत को एपिलेप्सी समझा जाता है.
* क्या है एपिलेप्सी की बीमारी?
यह मस्तिष्क से संबंधित एक पुरानी बीमारी है. एपिलेप्सी की वजह से मस्तिष्क में न्यूरॉन्स पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते. यह बीमारी दवाईयों से ठीक नहीं होने पर शल्यक्रिया के जरिए ठीक की जा सकती है. फीट और मिर्गी आना यानि एपिलेप्सी की ही बीमारी है.
* कौन सी सतर्कता जरुरी?
– पर्याप्त व नियमित नींद हो
पर्याप्त नींद लेना सबसे अधिक जरुरी होता है. एपिलेप्सी की बीमारी ना हो, इस हेतु नींद के समय का पालन करना बेहद जरुरी है.
– स्क्रीन टाइम को कम करें
रात के समय देर तक न जागे और मोबाइल का स्क्रीन टाइम कम करें, लंबे समय तक मोबाइल अथवा कम्प्यूटर व लैपटॉप का प्रयोग करना टाले.
– रात के समय वेबसिरीज बिल्कुल नहीं
कई लोग देर रात तक अपने मोबाइल अथवा लैपटॉप पर वेबसिरीज या फिल्म देखते रहते है. जिसकी वजह से उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती.
* कौन सी आदतें पड सकती है महंगी?
– देर रात बेवसिरीज देखना
देर रात तक बेवसिरीज व फिल्म देखने की आदत एपिलेप्सी की बीमारी होने की वजह बन सकती है.
– मादक पदार्थों का सेवन
अल्कोहोल व मादक पदार्थ के सेवन की वजह से भी आगे चलकर एपिलेप्सी की बीमारी हो सकती है. महिलाओं ने तो गर्भाधान काल के दौरान अल्कोहोल व मादक पदार्थों का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए.
– अपर्याप्त नींद
सदृढ स्वास्थ्य के लिए 24 घंटे में से न्यूनतम 7 से 8 घंटे की नींद होना बेहद आवश्यक है. साथ ही नींद का समय भी निश्चित होना चाहिए अन्यथा अपर्याप्त व अनियमित नींद की वजह से भी एपिलेप्सी की बीमारी हो सकती है.