स्टील हुआ महंगा, साईकिलों के दाम बढे
अमरावती/दि.29- किसी समय साईकिलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने-जाने के लिए सबसे सस्ता परिवहन साधन माना जाता था. किंतु अब साईकिलों का प्रयोग परिवहन साधन के रूप में काफी कम होता है, बल्कि खेल व व्यायाम के लिए साईकिलों का प्रयोग काफी हद तक बढ गया है. ऐसे में लोगोें की बदली हुई रूची व जरूरत को देखते हुए अब बाजार में विभिन्न आकार-प्रकार की साईकिलें बिक्री हेतु उपलब्ध हो गई है और कोविड संक्रमण काल के दौरान तमाम तरह के प्रतिबंधों की वजह से अपने घर पर रहने के लिए मजबूर लोगों द्वारा साईकिलों का प्रयोेग जमकर किया जाने लगा है. ऐसे में स्वाभाविक रूप से साईकिलों की मांग बढ गई. जिससे साईकिलों के दामोें में थोडी तेजी देखी गई. वहीं अब रूस व युक्रेन के बीच चल रहे युध्द की वजह से स्टील सहित साईकिलों के उत्पादन हेतु जरूरी तमाम तरह के कच्चे माल के दाम बढ गये है. ऐसे में साईकिलें भी अब अच्छी-खासी महंगी हो गई है.
बता दें कि, रूस व युक्रेन के बीच चल रहे युध्द की वजह से कई वस्तुओं का आयात प्रभावित हुआ है और युध्द शुरू होते ही सबसे पहले स्टील के दामों में वृध्दि हुई. जिससे भवन निर्माण क्षेत्र के समीकरण गडबडा गये. वहीं अब केमिकल के दामों में इजाफा होने की वजह से रबर व प्लास्टिक के दामों में भी अच्छी-खासी वृध्दि हुई है. ऐसे में साईकिल के निर्माण हेतु लगनेवाले खुले स्पेअरपार्ट के दाम काफी अधिक बढ गये है. जिसका सीधा असर साईकिलों के दामों पर पडा है.
ज्ञात रहें कि, कोविड संक्रमण कम होने के बाद सभी बाजारपेठ पहले की तरह पूरी क्षमता के साथ शुरू हो गये है. किंतु दो वर्ष के अंतराल पश्चात बाजार खुलने पर सभी वस्तुओं के दाम बढे है. वहीं इस दौरान पेट्रोल व डीजल की बढती कीमतों ने रही-सही कसर भी पूरी कर दी है. क्योेंकि मालढुलाई की दरे बढ गई है. जिससे सभी वस्तुओं के दामों में दोगुना वृध्दि देखी जा रही है. साथ ही अब रूस व युक्रेन के बीच जारी जंग की वजह से महंगाई धीरे-धीरे आस्मान छूने लगी है.
* किस साईकिल के कितने दाम
साधी साईकिल – 8,000 रूपये
फैन्सी साईकिल – 10,000 रूपये
गिअर साईकिल – 23,000 रूपये
इलेक्ट्रीक साईकिल – 35,000 रूपये
हाईब्रीड साईकिल – 43,000 रूपये
* कोविड के बाद साईकिलों के दामोें में 10 फीसद इजाफा
कोविड संक्रमण के पश्चात साईकिलों की मांग में अकस्मात ही इजाफा हुआ और कई लोगों को साईकिल खरीदने के लिए वेटिंग पर रहना पडा. क्योंकि कोविड संक्रमण के समय साईकिल कारखानों व साईकिल दुकानों में काम करनेवाले कई कारागीर अपने गांव वापिस लौट गये थे. ऐसे में साईकिलों के उत्पादन व बिक्री का काम बंद पडा हुआ था. जिसकी वजह से बढती मांग के बावजूद साईकिलोें की आपूर्ति बराबर नहीं हो पायी और किल्लत रहने के चलते साईकिलों के दाम बढ गये. यह दरवृध्दि करीब 10 फीसद रही. वहीं अब पेट्रोलियम दरवृध्दि और रूस-युक्रेन युध्द की वजह से साईकिलों के दामों में डेढ से दोगुना वृध्दि हो गई है.