* चाईल्ड लाइन ने बढाया सहायता का हाथ
अमरावती/ दि. 5– बचपने में ही मां छोडकर गई. उसके बाद पिता ने दूसरा विवाह किया. सौतेली मांं से तो भी प्यार मिलेगा, ऐसी उम्मीद पुत्र को थी. मगर उसे प्यार तो नहीं मिला, बल्कि उल्टा नसीब से अत्याचार हिस्से में आया. सोैतेली मां व पिता के अत्याचार के कहर से परेशान हुए बालक की सहायता के लिए आखिर श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के चाईल्ड लाइन ने दौड लगाते हुए उसे आधार दिया.
गाडगे नगर पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाले 15 वर्षीय पीडित बालक की मां उसे छोडकर गई. इसके बाद पिता ने दूसरा विवाह किया. सौतेली मां घर में आने के बाद बालक पर अत्याचार की शुरुआत हुई. पिता व सौतेली मां बालक को रोजना काम पर भेजते, इसी तरह उसे घर के सभी काम करवाये जाते. काम न करने पर उसे रोजाना जमकर पीटकर मानसिक रुप से परेशान किया जाता, ऐसी जानकारी चाईल्ड लाइन को मिली. जिसके अनुसार चाईल्ड लाइन के पदाधिकारी पहुंचकर बालक से मुलाकात की. बालक ने उसकी आपबीती सुनाई. पिता व सौतेली मां मामुली बात पर रोजाना पीटते है, काम पर न जाने पर मानसिक रुप से परेशान करते है.रोजाना के परेशानी से त्रस्त होकर उसने चुहे मार पाउडर को खा लिया था. परिसरवासियों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया. स्वास्थ्य में सुधार आने के बाद वापस घर लौटा, फिर सौतेली मां व पिता ने अत्याचार शुरु कर उसे घर से बाहर भगाया, ऐसी आपबीती बालक ने चाईल्ड लाइन के पदाधिकारियों को बताई.
इसके कारण चाईल्ड लाइन के पदाधिकारियों ने बालक के साथ गाडगे नगर पुलिस थाने में जाकर बच्चों की समस्या के बारे में पत्र देकर पुलिस की सहायता से उसकी मेडिकल जांच की गई. इसके बाद बालक को बालगृह में आश्रय उपलब्ध कराया गया. इस समय बालक को अपने अधिकार का घर मिले, इसी तरह पिता व सौतेली मां से अत्याचार के बारे में न्याय मिले, ऐसी विनंती की. इस वजह से बालक को बालकल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया. इस समय बालक को न्याय व अधिकार का घर दिलाने का निर्णय लिया गया. बालक का पालनपोषण सही ढंग से कराने का गारंटी पत्र पिता व सौतेली मां से लिखवाया गया. इस मामले में श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, सचिव माधुरी चेंडके, चाईल्ड लाइन के संचालक प्रा.नितीन काले, उपसंचालक प्रा.प्रशांत घुलक्षे का मार्गदर्शन मिला. यह कार्रवाई बालकल्याण समिति सदस्य अंजली घुलक्षे, समन्वयक अमित कपुर, समुपदेशक सपना गजभिये, मिरा राजगुरे, पंकज शिंगारे, सरिता राउत, अजय देशमुख, शंकर वाघमारे, ऋषभ मुंदे, गाडगेनगर के थानेदार आसाराम चोरमले, राहुल पिंपलकर, बालगृह की अधीक्षिका करुणा महात्म्ये आदि ने किया.