अमरावती/दि.२२ – कोरोना महामारी का तेजी से प्रादुर्भाव बढ रहा है. ऐसी स्थिति में रिश्ते नातों में भी दुरियां बढने लगी है, ऐसी एक अचरजभरी चौकाने वाली घटना सामने आयी है. एक वृध्द की कोरोना संक्रमण के कारण मृत्यु हो गई. मगर पांच दिन बीत जाने के बाद भी रिश्तेदार उस वृध्द की लाश स्वीकार करने के लिए आगे नहीं आये. आखिर पांचवें दिन सिटी कोतवाली पुलिस और हिंदू स्मशानभूूमि संस्था ने पहल करते हुए उस वृध्द के पार्थीव का अंत्यसंस्कार किया.
चांदुर बाजार तहसील के फुबगांव निवासी एक ८० वर्षीय वृध्द व्यक्ति का अमरावती के बडे निजी अस्पताल में इलाज शुरु था. तबीयत ज्यादा बिगड जाने के कारण रिश्तेदारों ने गुरुवार के दिन निजी अस्पताल से दोपहर ३ बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया. वह वृध्द व्यक्ति कोरोना संक्रमित था, ऐसा जिला अस्पताल के पुलिस कर्मचारियों ने बताया. जिला अस्पताल में कुछ देरी के पश्चात उस वृध्द की मौत हो गई. इर्विन अस्पताल में भर्ती करने तक रिश्तेदार साथ में थे. परंतु वृध्द की मौत के बाद पुलिस ने मृत वृध्द के रिश्तेदारों से संपर्क साधा. मगर उन्होंने आने से मना कर दिया. पुलिस ने उन्हें अंतिम संस्कार करने में कोई परेशानी नहीं, ऐसा बताया. यह बात कोतवाली के थानेदार शिवाजी बचाटे ने स्पष्ट की. पांच दिनों से लाश पोस्टमार्टम गृह में पडी होने के कारण बदबू फैलने के कारण वहां काम करने वाले कर्मचारी, डॉक्टर व पुलिस कर्मचारियों को परेशानी होने लगी. उसकी जानकारी जिला शल्यचिकित्सक श्यामसुंदर निकम को दी गई. रिश्तेदार सामने न आने के कारण आखिर पुलिस व हिंदू स्मशानभूमि संस्था ने पहल करते हुए स्मशान भूमि के शव दाहिनी में अंत्यसंस्कार की विधि पूर्ण की.
बगैर रुपए लिए ही किया अंत्यसंस्कार
अंत्यसंस्कार करने के लिए पुलिस रुपए देने के लिए तैयार थी. मगर जिला शल्यचिकित्सक व हिंदू स्मशान भूमि संस्था के पदाधिकारियों को घटना की जानकारी से अवगत कराने के बाद उन्होंने रुपए न लेते हुए वृध्द के अंत्यसंस्कार की प्रक्रिया पूरी की.
– शिवाजी बचाटे, थानेदार सिटी कोतवाली.