अमरावती

अचलपुर में आवारा कुत्तों की नसबंदी

अचलपुर/दि.7– सडकों पर भटकने वाले आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित रखने हेतु अचलपुर नगर परिषद द्वारा आवारा कुत्तों को पकडकर उनकी परिवार नियोजन यानि नसबंदी शल्यक्रिया की जा रही है. साथ ही शल्यक्रिया के बाद टैटू के जरिए शल्यक्रिया हो चुकने का पहचान चिन्ह बनाते हुए आवारा कुत्तों की पहचान निश्चित की जा रही है. इसके पहले चरण में 500 से 600 आवारा कुत्तों की नसबंदी करने का नियोजन किया गया है.

* एकदम सुबह पकडा जाता है कुत्तों को
परिवार नियोजन में शल्यक्रिया हेतु सोसायटी फॉर एनिमल प्रोटेशन के प्रशिक्षित कर्मचारी रोजाना सुबह-सुबह शहर में आवारा भटकने वाले कुत्तों को पकडते समय ही इन कुत्तों को एक विशिष्ट क्रमांक दिया जाता है और कुत्ते को कहा से पकडा गया, इसकी जानकारी उस क्रमांक में दर्ज की जाती है.

* शल्यक्रिया के बाद तीन दिन की जाती है देखभाल
आवारा कुत्तों पर परिवार नियोजन की शल्यक्रिया करने के उपरान्त उन्हें कल्याण मंडपम में तीन दिन आराम हेतु रखा जाता है. जहां पर उनके विशेष खानपान की व्यवस्था की जाती है. जिसके बाद वैद्यकीय जांच करते हुए उन्हें उनके मूल स्थान पर भेज दिया जाता है.

* रेबिज वैक्सीन के साथ ही ठीक होने तक इलाज
परिवार नियोजन की शल्यक्रिया हेतु पकडकर लाये गए कुत्तों की वैद्यकीय शास्त्रों के अनुसार आवश्यक सतर्कता बरतते हुए कल्याण मंडपम में शल्यक्रिया की जाती है. इस दौरान उन्हें रेबिज की प्रतिबंधात्मक वैक्सीन देने के साथ ही ठीक होने तक उन पर इलाज किया जाता है.

* पालिका क्षेत्र में आवारा भटकने वाले कुत्तों पर परिवार नियोजन की शल्यक्रिया की जा रही है और इस काम का जिम्मा सोसायटी फॉन एनिमल प्रोटेक्शन नामक संस्था की ओर दिया गया है.
मिलिंद वानखडे,
अभियंता, स्वच्छता व जलापूर्ति विभाग

* शल्यक्रिया के पश्चात टैटू के जरिए विशेष पहचान चिन्ह बनाते हुए आवारा कुत्तों को निश्चित पहचान दी जाती है और शल्यक्रिया पश्चात उन्हें उनके मूल स्थान पर ले जाकर छोड दिया जाता है.
– सचिन देउलकर,
सोसायटी फॉर एनिमल प्रोटेक्शन,
कोल्हापुर

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