अमरावती

भाव में गिरावट फिर भी इस बार कपास ही नंबर-1

खरीफ में 10 हजार हेक्टेयर तक क्षेत्र बढ़ने की संभावना

अमरावती/दि.6- एक वर्ष में कपास के भाव 5 हजार से गिरे है. फिर भी इस बार किसानों की पसंद कपास पर ही अधिक है. पिछले वर्ष की तुलना में 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र बढ़ने की संभावना है. इस कारण इस बार खरीफ में सोयाबीन की बजाय कपास ही नंबर वन रहने वाला है.
जिले के 80 फीसद जिरायती क्षेत्र बारिश पर निर्भर है. पिछले सत्र में बारिश के अभाव में जुलाई माह में बुआई हुई. पश्चात शुरु हुई बारिश अक्तूबर तक थी. इस दौरान अतिवृष्टि और लगातार बारिश से कपास का भारी नुकसान हुआ और पांच साल में सबसे कम उत्पादन हुआ. इसके बावजूद कपास के भाव में लगातार गिरावट शुरु है. वर्षभर में कपास के भाव 5 से 6 हजार रुपए कम हुए हैं. ऐसी परिस्थिति में उत्पादन खर्च निकलेगा अथवा नहीं, ऐसी स्थिति रहते कपास का क्षेत्र कम होने की संभावना थी. लेकिन किसानों का कपास पर विश्वास कायम है. ट
कॉटन बेल्ट की पहचान रहेगी कायम
जिले की कॉटन बेल्ट की पहचान इस बार भी कायम रहेगी. इस बार कपास का सर्वाधिक 41,379 हेक्टेयर क्षेत्र दर्यापुर तहसील में रहने वाला है. अमरावती 15,180, भातकुली 12,692, नांदगांव खंडेश्वर 6991, तिवसा 18131, चांदूर रेल्वे 8999, धामणगांव रेल्वे 24294, मोर्शी 28229, वरुड 29799, चांदूर बाजार 19110, अचलपुर 22080, अंजनगांव सुर्जी 18974, धारणी 10674 और चिखलदरा तहसील में 3468 हेक्टेयर क्षेत्र है.
सोयाबीन का क्षेत्र स्थिर, तुअर में बढ़ोत्तरी
सोयाबीन की फसल बारिश के लिए काफी संवेदनशील है. पिछले सत्र में बारिश के कारण सोयाबीन का सर्वाधिक नुकसान हुआ और भाव में भी गिरावट शुरु है. फिलहाल क्विंटल के पीछे 4700 रुपए भाव है. ऐसी परिस्थिति में सोयाबीन का क्षेत्र स्थिर रहने की संभावना है.
फसल का प्रस्तावित क्षेत्र (हेक्टेयर)
कपास 2.60 लाख
सोयाबीन 2.55 लाख
तुअर 1.15 लाख
मूंग 4800
उड़द 1900
ज्वारी 15,000
मक्का 22,500

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