अमरावती

अब भी स्कूलों व कालेजों को विद्यार्थियों का ‘नो-रिस्पॉन्स’

डेढ लाख में से 10 हजार विद्यार्थी भी नहीं पहुंच रहे

  • कोरोना को लेकर बच्चों व अभिभावकों में दिख रहा जबर्दस्त भय

अमरावती/दि.28 – सरकारी आदेश के अनुसार अमरावती जिले में 9 वीं से 12 वीं तक की कक्षाओं को विगत 23 नवंबर से शुरू कर दिया गया. किंतु बावजूद इसके विगत पांच दिनों के दौरान कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति नगण्य है और अब तक जिले की सभी शालाओं में उपस्थित रहनेवाले विद्यार्थियों की संख्या ने 10 हजार के स्तर को भी पार नहीं किया है.
बता दें कि, अमरावती जिले में 548 निजी व सरकारी शालाएं है. जिनकी कक्षा 9 वीं से 12 वीं की विद्यार्थी संख्या 1 लाख 55 हजार के आसपास है, लेकिन इसमें से इस समय एक फीसदी विद्यार्थी भी अपनी कक्षाओं में नहीं पहुंच रहे. जिसका सीधा मतलब है कि, इस समय लोगोें को दिलोदिमाग में कोरोना संक्रमण को लेकर जबर्दस्त भय व्याप्त है और लोगबाग अपने बच्चों को शालाओं में नहीं भेजना चाह रहे.
जानकारी के मुताबिक 23 नवंबर से शालाएं खुल गयी है. सोमवार को 9 हजार 648, मंगलवार को 9 हजार 450, गुरूवार को 9 हजार 225 व शुक्रवार को 9 हजार 852 विद्यार्थी अपनी-अपनी शालाओं में पहुंचे. यह कुल विद्यार्थी संख्या के लिहाज से एक फीसदी संख्या भी नहीं है. ऐसे में विद्यार्थियों की इस अत्यल्प उपस्थिति को देखते हुए प्रशासन एवं शिक्षा विभाग में भी चिंता की लहर देखी जा रही है.
ज्ञात रहे कि, कोरोना संक्रमण की रफ्तार को सुस्त होता देखते हुए राज्य सरकार ने दीपावली के बाद शालाओं को चरणबध्द ढंग से खोलने का निर्णय लिया था, लेकिन बाद में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढते ही यह फैसला जिला प्रशासन के जिम्मे सौंपा गया और जिला प्रशासन ने इस बारे में निर्णय लेने के अधिकार शाला व्यवस्थापन एवं पालक समिती को सौंप दिये. इसी दौरान कोरोना संक्रमितों की संख्या में अचानक इजाफा होना शुरू हो गया. जिसके चलते अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कुल भेजने के संदर्भ में काफी हद तक भय का माहौल देखा जा रहा है. अभिभावकों का कहना है कि, सरकार ने शिक्षकों के लिए तो कोरोना टेस्ट की व्यवस्था उपलब्ध करवायी है. लेकिन बच्चों के बारे में कोई उपाय योजना नहीं की जा रही. ऐसे में यदि उनके बच्चों के जरिये उनके घर-परिवार तक कोरोना का संक्रमण पहुंचता है, तो इसकी जिम्मेदारी किस पर होगी. इस वजह एवं भय के चलते अभिभावक अपने बच्चों को स्कूलों में नहीं भेज रहे.
जानकारी के मुताबिक अमरावती शहर में मनपा की 6 माध्यमिक शालाएं है. यहां कक्षा 9 वीं से 12 वीं की पढाई होती है. इन कक्षाओं में कुल 450 विद्यार्थी प्रवेशित है. किंतु विगत चार-पांच दिनों के दौरान इन कक्षाओं में रोजाना 150 से भी कम विद्यार्थी उपस्थित हो रहे है, ऐसा मनपा शिक्षाधिकारी अब्दुल राजीक के जरिये पता चला है.
वहीं दूसरी ओर जिप के माध्यमिक शिक्षाधिकारी वामन बोलके द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिले में 14 पंचायत समिती अंतर्गत 548 शालाओं व कनिष्ठ महाविद्यालयों में कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक 1 लाख 55 हजार विद्यार्थी प्रवेशित है. किंतु विगत पांच दिनों के दौरान एक दिन भी कुल उपस्थित विद्यार्थियों की संख्या 10 हजार के स्तर तक नहीं पहुंच पायी.

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