अमरावती

अब भी कई ग्रामीण इलाकों में एसटी बस नहीं

यात्री संख्या नहीं रहने से बस फेरियां है बंद

अमरावती/दि.20 – राज्य परिवहन निगम द्वारा कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का असर खत्म होने के बाद पूरी क्षमता के साथ यात्री ढुलाई का काम शुरू किया गया है. जिसके तहत लालपरी, विठाई, शिवशाही, रातराणी सहित लंबी व मध्यम दूरीवाली और सामान्य बसें शुरू हो गई है. किंतु यह तमाम बस सेवाएं फिलहाल शहरी क्षेत्र के लिए है और ग्रामीण क्षेत्र में अब भी एसटी के दर्शन दुर्लभ हो गये है.
उल्लेखनीय है कि, एसटी बसों को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक तरह से लाईफलाईन कहा जाता है. किंतु इन दिनों कोविड संक्रमण की दो लहरों के अनुभव तथा संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए रापनि द्वारा कई ग्रामीण इलाकों में अब तक अपनी बस सेवा शुरू नहीं की गई है. साथ ही जिन ग्रामीण इलाकों तक बस सेवा शुरू की गई थी, वहां के लिए अपेक्षित यात्री संख्या नहीं मिलने की वजह से रापनि को कई फेरियां शुरू करने के बाद बंद करनी पडी. ऐसे में अब ग्रामीण क्षेत्र मेें रापनि सेवाओं का अभाव रहने के चलते कई यात्रियों को ऑटोरिक्षा अथवा अन्य निजी वाहनों से यात्रा करनी पड रही है. वहीं दूसरी ओर जिले में एसटी की रापनि सेवा शुरू होने के बावजूद कई बसें रापिन आगार में ही खडी है. ग्रामीण क्षेत्र में यात्रियों का प्रतिसाद कम रहने के चलते उन रूटों पर बस चलाना रापनि के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है, किंतु इसकी वजह से उन यात्रियों को तकलीफ का सामना करना पडता है, जो रापनि की बस सेवा हेतु बस स्थानक पहुंचते है और उन्हें वहां से अपने गंतव्य पर जाने हेतु रापनि की बस नहीं मिलती. जिसकी वजह से उन्हें बस स्थानक से बाहर आकर कोई निजी यात्री वाहन खोजना पडता है.

गांव-खेडों में जाने हेतु ऑटोरिक्षा का सहारा

जिले में रापनि के कुल आठ आगार है. जिनमें अमरावती व बडनेरा सहित परतवाडा, दर्यापुर, चांदूर बाजार, मोर्शी, वरूड व चांदूर रेल्वे आगारों का समावेश है. इसमें से कई आगारों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत कई ग्रामीण इलाकों के लिए दिन के समय चलायी जानेवाली बस फेरियों सहित नाईट हॉल्टवाली बसफेरिया शुरू नहीं की गई है, बल्कि जिले के इन आठों आगारों से अधिकांश बसें शहरी इलाकोंवाले गंतव्यों के लिए ही छोडी जाती है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में रापनि बसों की सेवा बंद रहने के चलते गांववासियों को निजी यात्री वाहनों का सहारा लेना पडता है.

  • ग्रामीण भागों में एसटी बसों को इस समय यात्रियों की ओर से अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिल रहा है. लेकिन अब चरणबध्द ढंग से धीरे-धीरे सभी इलाकों में रापनि बसों की सेवा शुरू की जायेगी. साथ ही कोविड प्रतिबंधात्मक उपाययोजनाओं पर भी कडाई के साथ अमल किया जायेगा.
    – श्रीकांत गभणे
    विभाग नियंत्रक

आगार में कुल बसें – 379
कोविड से पहले रोजाना होनेवाली फेरिया – 1690
इस समय शुरू रहनेवाली फेरिया – 950

रोजाना 67 हजार किमी की यात्रा

– रापनि द्वारा चलायी जा रही बस गाडियों द्वारा विगत ढाई माह के दौरान रोजाना 67 हजार किमी की दूरी तय की गई. लेकिन इसमें से अधिकांश यात्रा शहरी क्षेत्र में ही हुई हैं.
– कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का असर कम हो जाने के बाद अब महामंडल को 8 करोड 20 लाख रूपयों की आय हुई है.
– जिले में शहरी क्षेत्र के साथ-साथ नांदगांव खंडेश्वर, आसेगांव व घुईखेड जैसे ग्रामीण इलाकों में बसों की आवाजाही शुरू की गई है. वहीं अन्य इलाकों में फिलहाल रापनि सेवा बंद हे.

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