* केंद्र के अधीन एक मंजूरी प्रलंबित
अमरावती/दि.11– विख्यात हिलस्टेशन तथा विदर्भ के नंदनवन कहलाते चिखलदारा में नाविण्यपूर्ण प्रकल्प स्कॉय वॉक को वनविभाग की मंजूरी की अडचन बताई जा रही थी. ऐसे में विधायक प्रवीण पोटे ने उपमुख्मंत्री देवेंद्र फडणवीस को निवेदन दिया था. वहां से मुख्य वनसंरक्षक को पत्र भेजा गया. मेलघाट बाघ प्रकल्प की क्षेत्र संचालक और मुख्य वनसंरक्षक जयोति बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया कि, राज्य वन्य जीव मंडल की इस बारे में 19वीं बैठक में पारित प्रस्ताव को राष्ट्रीय बोर्ड के पास मान्यता हेतु गत 18 नंवबर को ही भेज दिया गया है. वहां मान्यता प्रलंबित होने की जानकारी जयोती बनर्जी ने उपलब्ध करवाई है. यह भी बताया गया कि, वन विभाग की जमीन के बारे में निर्णय प्रकल्प यंत्रणा स्तर पर प्रलंबित है.
उल्लेखनीय है कि लगभग 35 करोड की लागत से एशिया का सबसे लंबा स्कॉय वॉक का निर्माण चिखलदरा में शुरु किया गया था. अधबीच में यह निर्माण रोकना पडा. 1 साल से अधिक समय से काम रुका हुआ है. जिससे पर्यटक के साथ-साथ चिखलदरा के लोग भी मायूस है. स्कॉय वॉक को केंद्र की अब तक मंजूरी नहीं मिल पाने की हकीकत मेलघाट की मुख्य वनसंरक्षक जयोती बनर्जी के गत 3 अप्रैल के ताजा पत्र में दी गई है. यह भी बता दें कि विधायक पोटे के कारण जंगल महकमे में हलचल तो मची है. अब कदाचित स्कॉय वॉक की शेष मंजूरी व मान्यता जल्द पूर्ण हो जाएगी. पहले कोरोना महामारी का दौर स्कॉय वॉक निर्माण में आडे आया था. अब केंद्र के वन विभाग की मान्यता का मसला अटका पडा है.