जिले के पांच गर्भपात केंद्रों में मिला मुदतबाह्य दवाईयों का स्टॉक
त्रिसदस्यीय समिती की जांच में सामने आया मामला

* 191 सोनोग्राफी व 135 गर्भपात केंद्रों की आकस्मिक जांच की गई
अमरावती/दि.22- जिला शल्य चिकित्सक द्वारा जिले के सभी सोनोग्राफी सेंटरों व गर्भपात केंद्रों की जांच करने हेतु दो डॉक्टरों व एक विधि सलाहकार का समावेश रहनेवाली तीन सदस्यीय समिती का गठन किया गया था और इस समिती द्वारा समूचे जिले में अब तक 167 सोनोग्राफी सेंटरों व 135 गर्भपात केंद्रों की आकस्मिक जांच की गई. इस दौरान समिती द्वारा एक सोनोग्राफी केंद्र को सील किया गया. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में स्थित पांच मान्यता प्राप्त गर्भपात केंद्रों में मुदतबाह्य दवाईयों का स्टॉक बरामद किया गया है. जिसे लेकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि, वर्धा जिले के आर्वी स्थित कदम अस्पताल में अवैध गर्भपात का मामला सामने आने के बाद की गई जांच-पडताल के दौरान कदम अस्पताल में सरकारी दवाईयों का स्टॉक बरामद हुआ था. जिसमें से ज्यादातर दवाईयां कालबाह्य हो चुकी थी. इस मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिला चिकित्सकों को अपने-अपने जिले में स्थित गर्भपात केंद्रों व सोनोग्राफी केंद्रों की जांच-पडताल करने के आदेश जारी किये थे. इसके मद्देनजर जिला शल्य चिकित्सक द्वारा दो डॉक्टरों व एक विधि अधिकारी का समावेश करते हुए तीन सदस्यीय विशेष पथक गठित किया गया था और इस पथक द्वारा विगत तीन सप्ताह से जिले में जांच अभियान चलाया जा रहा है.
पथक में शामिल सदस्यों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अमरावती जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 61 तथा मनपा क्षेत्र में 130 ऐसे कुल 191 मान्यता प्राप्त सोनोग्राफी केंद्र है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 52 व मनपा क्षेत्र में 83 ऐस कुल 135 मान्यता प्राप्त गर्भपात केंद्र है. इन सभी केंद्रों की जांच-पडताल हेतु ग्रामीण क्षेत्र के लिए जिला शल्य चिकित्सक द्वारा तथा शहरी क्षेत्र के लिए मनपा स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा तीन सदस्यीय समिती गठित की गई है. यह समिती जांच हेतु किसी भी सोनोग्राफी केंद्र में पहुंचने के बाद वहां का चार से पांच महत्वपूर्ण बातों की जांच करती है. जिसके तहत यह देखा जाता है कि, सोनोग्राफी के लिए आनेवाले मरीजोें के नाम बराबर दर्ज किये जाते है अथवा नहीं, ऑनलाईन तरीके से ‘एफ फॉर्म’ भरा जाता है अथवा नहीं, सोनोग्राफी मशीन का क्रमांक यानी एमआरसी प्रमाणपत्र उपलब्ध है अथवा नहीं. साथ ही संबंधित सोनोग्राफी केंद्र में ‘यहां गर्भलिंग निदान नहीं किया जाता’ ऐसा फलक लगा है अथवा नहीं. अब तक जांच समिती द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के 61 में से 57 सोनोग्राफी केंद्रों व सभी 52 गर्भपात केंद्रों तथा शहरी क्षेत्र के 130 में से 110 सोनोग्राफी केंद्र व 83 में से 77 गर्भपात केंद्रों की जांच की गई. ग्रामीण क्षेत्र के मान्यता प्राप्त गर्भपात केंद्रों की जांच करते समय 5 केंद्रों पर मुदतबाह्य हो चुकी दवाईया समिती ने बरामद की. यह सभी केंद्र निजी चिकित्सकों द्वारा संचालित किये जाते है. जिन्हें समिती ने अपना स्पष्टीकरण देने हेतु नोटीस जारी की है. इस आशय की जानकारी समिती सदस्य एड. प्रणिता भाकरे (रानोटकर), डॉ. प्रशांत गेडाम व डॉ. श्रीराम सापट द्वारा दी गई.
* 1 वर्ष व 6 माह पूर्व कालबाह्य हुई दवाईयों का स्टॉक
जिल के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित पांच मान्यता प्राप्त गर्भपात केंद्रों में मुदतबाह्य दवाईयोें का स्टॉक पाया गया है. इसमें से कुछ केंद्रों पर एक वर्ष पहले व कुछ केंद्रों पर छह माह पूर्व मुदत खत्म हो चुकी दवाईयों का स्टॉक मिला है. इन दवाईयों की गर्भपात की गोलियों सहित गर्भपात करने हेतु ऑपरेशन थिएटर में लगनेवाली अन्य आवश्यक दवाईयों का समावेश है. इसमें से कुछ स्थानों पर केवल एक-दो स्ट्रीप मिली है. वहीं एक स्थान पर लगभग आधी थैली भरकर कालबाह्य दवाईया बरामद हुई है.
* मेलघाट के उतावली में सोनोग्राफी केंद्र सील
तीन सदस्यीय समिती ने धारणी तहसील के उतावली स्थित डॉ. सुशिला नायर हॉस्पिटल के सोनोग्राफी केंद्र की जांच की. यहां पर ऑनलाईन या ऑफलाईन पध्दति से एफ फॉर्म की जानकारी नहीं रहने की बात सामने आयी. साथ ही यहां पर एमआरसी प्रमाणपत्र भी उपलब्ध नहीं था. इस केंद्र पर ऑनलाईन पध्दति से पासवर्ड व लॉगीन आयडी का प्रयोग भी नहीं किये जाने की जानकारी सामने आयी. इन तमाम वजहों के चलते समिती द्वारा अगले आदेश तक इस सोनोग्राफी केंद्र को सील कर दिया गया.
* आगे भी जारी रहेगी जांच-पडताल
जिले के सभी सोनोग्राफी केंद्र व मान्यता प्राप्त गर्भपात केंद्रों की जांच-पडताल का कार्य युध्दस्तर पर किया जा रहा है. इसके लिए जिले में तीन सदस्यीय समिती स्थापित की गई है और जांच पडताल का यह कार्य आगे भी नियमित रूप से जारी रहेगा.
– डॉ. श्यामसुंदर निकम
जिला शल्य चिकित्सक