अमरावती

जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में दवाईयों का स्टॉक पर्याप्त

सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा का स्तर सुधर रहा

ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसूति का प्रमाण बढा
समय-समय पर होती है मरीजों व गर्भवतियों की जांच
अमरावती – /दि.2 जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की समय-समय पर जांच करने और उन्हें आवश्यक दवाईयों की आपूर्ति किये जाने के चलते अब स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसूति होने का प्रमाण बढ गया है. हालांकि मेलघाट की धारणी व चिखलदरा तहसीलों में अब भी जनजागृति किये जाने की जरुरत है. जहां पर आज भी आदिवासी महिलाओं की प्रसूति उनके घरों पर ही होती है.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की 4 बार जांच करने के साथ उन्हें आवश्यक दवाईयां दी जाती है. गर्भादान काल के साथ ही प्रसूति और प्रसूति पश्चात दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधा के चलते अब जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केेंद्रों में प्रसूति कराये जाने को प्राधान्य दिया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को उनके गांव के ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रसूति की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के चलते महिलाओं की प्रसूति गांव के ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में होती है. स्वास्थ्य विभाग द्बारा दी जाने वाली सुविधाओं के चलते इन स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसूति का प्रमाण बढ गया है.

12,645 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन
जिले में इस समय 12 हजार 645 गर्भवती महिलाओं की जानकारी पंजीकृत है. जिनकी समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करते हुए उन्हें नि:शुल्क दवाईयां दी जाती है. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को इन सुविधाओं का लाभ मिलता है. जिसके चलते उनकी प्रसूति का प्रमाण बढ गया है. ऐसी जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्बारा दी गई है.

गर्भवतियों के स्वास्थ्य पर ध्यान
स्वास्थ्य विभाग द्बारा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की ओर तीसरे महीने से ही विशेष ध्यान देना शुरु कर दिया जाता है. जिसके तहत समय-समय पर उनकी जांच की जाती है और उन्हें आवश्यक दवाईयां दी जाती है. जिसके चलते स्वास्थ्य केेंद्रों में प्रसूति का प्रमाण बढ गया है.

स्वास्थ्य केंद्रों से नि:शुल्क दवाईयां
गर्भवती महिलाओं की प्रसूति से पहले 4 बार स्वास्थ्य जांच की जाती है और उन्हें तीसरे महीने से आवश्यक दवाईयां दी जाती है. यदि ब्लड प्रेशर बढता है, तो गर्भवती महिलाओं का विशेष ख्याल रखा जाता है. साथ ही डायबिटीज रहने पर आवश्यकतानुसार दवाईयां दी जाती है.

डायबिटीज व ब्लड प्रेशर की दवाईयां भी उपलब्ध
गर्भवति महिलाओं को आवश्यकता के अनुसार स्वास्थ्य जांच पश्चात डायबिटीज व ब्लड प्रेशर की दवाईयां भी दी जाती है. इन दवाईयों की जिले मेें कोई किल्लत नहीं है. अत: समय पर यह दवाईयां उपलब्ध हो जाती है.

तकनीकी मंजूरी, पर निधि की दिक्कत
जिले में दवाईयों का भरपूर स्टॉक उपलब्ध रहने के चलते फिलहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाईयों की कोई किल्लत नहीं है. वहीं दवाईयों के नये स्टॉक को तकनीकी मंजूरी मिल गई है. परंतु नया स्टॉक मिलने में फिलहाल निधि की दिक्कत देखी जा रही है.

तीसरे माह से नि:शुल्क दवाईयां
ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का तीसरे माह से ही विशेष ध्यान रखा जाता है. इसके तहत उन्हें रक्त वृद्धि की दवाईयों सहित अन्य आवश्यक दवाईयां नि:शुल्क दी जाती है.
जिले में दवाईयों का स्टॉक पर्याप्त रुप से उपलब्ध है. जिसके चलते गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली दवाईयां समय पर मिल जाती है.
मेलघाट क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आदिवासी महिलाओं की प्रसूति का प्रमाण अपेक्षित तौर पर कुछ कम है. जिसे बढाने के लिए हर तरीके से प्रयास किये जा रहे है.

जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं व दवाईयों के स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु पूरा ध्यान दिया जा रहा है. जिसके सार्थक परिणाम भी दिखाई दे रहे है और इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों मेें होने वाली प्रसूतियों की संख्या बढ गई है. परंतु आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में अब भी काफी जनजागृति करने की जरुरत है. जहां पर आज भी घरों में होने वाली प्रसूतियों की प्रमाण ज्यादा है, जो खतरनाक भी साबित हो सकता है.
– डॉ. दिलीप रणमले,
जिला स्वास्थ्य अधिकारी

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