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ग्राहक विरोधी भूमिका अपनाना बंद करे महावितरण

विद्युत ग्राहक संगठन अध्यक्ष प्रताप होगाडे का कथन

अमरावती/दि.26– इससे पहले एक माह के विद्युत बिल के बराबर रकम को सुरक्षा निधी के तौर पर महावितरण द्वारा जमा रखा जाता था. जिसे अब दोगुना करते हुए दो माह के विद्युत बिल के बराबर कर दिया गया है. हालांकि ऐसा करते समय महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा रकम भरने हेतु 6 किश्तों का प्रावधान किया गया है, लेकिन महावितरण ने अपनी सुविधा के लिए इस सहूलियत की अनदेखी करते हुए ग्राहकों से पूरी रकम एकमुश्त भरने की मांग के साथ बिल जारी किये. लेकिन महाराष्ट्र विद्युत ग्राहक संगठन द्वारा विनियम के प्रावधान की घोषणा करते ही एक दिन के भीतर महावितरण ने विद्युत ग्राहकों को छह किश्तों में सुरक्षा निधी रकम भरने से संबंधित संदेश भेजने शुरू किये. जिसके लिए महावितरण के प्रति आभार ज्ञापित किया जा सकता है, लेकिन महावितरण कंपनी ने नियमबाह्य व्यवहार करने और विद्युत ग्राहकों को दिक्कत में डालनेवाली अपनी प्रथा व परंपरा को तुरंत बंद करना चाहिए. इस आशय की चेतावनी महाराष्ट्र राज्य विद्युत ग्राहक संगठन के अध्यक्ष व विद्युत विशेषज्ञ प्रताप होंगाडे द्वारा दी गई.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में उपरोक्त चेतावनी देने के साथ ही प्रतााप होंगाडे ने सभी विद्युत ग्राहकों से आवाहन किया कि, वे अपनी सुरक्षा अनामत रकम अदा करने हेतु छह किश्तों की सहूूलियत का लाभ लें. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, महावितरण भी सुरक्षा अनामत रकम की मांग हेतु जारी किये गये बिल में छह किश्तों में से पहली किश्त की ही मांग करनी चाहिए थी तथा ग्राहकों को छह अथवा इससे कम किश्तों में रकम भरने हेतु विनियमानुसार आयोग द्वारा दी गई सहूलियत की जानकारी देनी चाहिए थी. लेकिन कंपनी ने केवल अपनी आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रखा और विगत दो वर्षों से कोविड काल के दौरान आम विद्युत उपभोक्ताओें को हो रही आर्थिक तकलीफों की अनदेखी की, जो पूरी तरह से गलत है. ऐसे में महावितरण को चाहिए कि, भविष्य में वह विद्युत उपभोक्तताओं को लेकर थोडा मानवीय दृष्टिकोण भी रखे. इस पत्रवार्ता के दौरान राज्य में लोडशेडिंग के लिए महावितरण व महानिर्मिती कंपनियों के लचर कामकाज को जिम्मेदार बताया गया. साथ ही कृषि पंप विद्युत प्रयोग के नाम पर 12 हजार करोड रूपयों की चोरी व भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए कहा गया कि, इस मामले में किसानों की नाहक ही बदनामी हुई है. ऐसे में किसानों को चाहिए कि, वे अपने बकाया बिलों की दुरूस्ती करवाने के बाद ही सहूलियतवाली योजना में शामिल हो और कृषि पंप के विद्युत बिल की दुरूस्ती हेतु अपनी शिकायत भी जरूर दर्ज कराये.
इस पत्रवार्ता में महाराष्ट्र विद्युत ग्राहक संगठन के मुकुंद माली, एड. नंदेश अंबाडकर, एड. प्रभाकर वानखडे, ओमप्रकाश अंबाडकर व नंदकिशोर वाठ आदि उपस्थित थे.

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