अमरावती

लक्षण न रहने वालों की कोरोना जांच रोकें

सौम्य, मध्यम वालों को होम आयसोलेट करें

  • विनोद तिवारी ने सीएम ठाकरे को भेजा पत्र

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१२कोरोना टेस्ट के मामले में जनसंख्या के आधार पर देश में हर राज्य में एक समान मापदंड नहीं करने तक महाराष्ट्र में भी लक्षण नहीं रहने वाले मरीजों की कोरोना जांच रोकने का आग्रह बैरिस्टर विनोद तिवारी ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे, कार्यकारी अध्यक्ष मुख्य सचिव सीताराम कुंटे से किया है. उनके मुताबिक फिलहाल की स्थिति में देश में सर्वाधिक कोरोना की जांच महाराष्ट्र में ही हुई है. इससे यहां कोरोना संक्रमितों का अंाकडा भारी दिखाई दे रहा है. इसके साथ ही अन्य बीमारियों से गंभीर रहने तथा रिपोर्ट संक्रमित न आने के बाद कोरोना से मरनेवालों की सूची में उनका नाम डालने से कोरोना से मौत का आंकडा लगातार फूल रहा है. जबकि उत्तरप्रदेश, बिहार, तेलगांना तथा गुजरात राज्य में कम जांच के कारण वहां कोरोना के मरीज कम दिखाए गये है.

  • सबसे अधिक जांच वाला राज्य

मुख्यमंत्री ठाकरे तथा मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को सौंपे ज्ञापन में विनोद तिवारी ने कहा कि इस बारे में पहले भी उन्होंंने पत्र लिखा था. महाराष्ट्र देश में सर्वाधिक कोरोना जांच वाला राज्य है. बिना कोई लक्षण वाले हजारों लाखों मरीज मिलने से अस्पताल फुल हो रहे है. स्थिति को अत्याधिक खतरनाक बताया जा रहा है. परिवार का सदस्य संक्रमित मिलने पर उसे अस्पताल में भर्ती करे जाने पर जोर देेते है. निजी अस्पतालो के नाम पर लूट की शिकायतें मिल रही है.

  • सरकारी आंकडे हैं सबूत

बैरि. तिवारी के मुताबिक सरकारी आंकडे स्पष्ट करते है कि उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार, तेलंगाना तथा गुजरात में कोरोना जांच महाराष्ट्र की तुलना में कम है, इससे वहां संक्रमितों तथा मरनेवालों की संख्या भी कम है. लेकिन महाराष्ट्र में अन्य रोगों के मरीज कोरोना पॉजिटीव आकर मरने पर उनका नाम भी कोरोना मृतकों की सूची में जोड़ दिया जाता है. इससे राज्य में मृतको के साथ संक्रमितों का आंकड़ा बढ रहा है. ९ अप्रैल को नागपुर में ६४८९ कोरोना मरीज मिले. जबर्दस्ती कोरोना टेस्ट शुरू रहने से यह स्थिति है. हालाकि इसमें ९९ फीसदी मरीजों में कोई लक्षण नहीं है.
कुछ राज्यों मे लोगों का जबरन टेस्ट कराया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में २५-३० फीसदी मरीज मिल रहे हैं, वहां इस टैस्ट के रैकेट के कारण आतंक तथा भय पैदा होकर अफरा तफरी की स्थिति बनी है. उत्तरप्रदेश जैसे सर्वाधिक आबादी वाले राज्य में प्रतिदिन १५ हजार से अधिक टेस्ट नहीं हो रहे है. जबकि इससे अधिक टेस्ट महाराष्ट्र के अकेले नागपुर शहर में ही हो रहे है. राज्य में अत्याधिक टेस्ट के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है और देशभर में राज्य की बदनामी हो रही है. जनसंख्या के ३६ फीसदी से अधिक लोगों को बिना पता लगे ही कोरोना हुआ है. सभी की जांच की जाए तो इसमें ३५ फीसदी मरीज संक्रमित मिलेंगे.

  • टेस्ट रैकेट से बुरा हाल

बैरि. तिवारी ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को टेस्ट रैकेट की गतिविधियों से केन्द्र को अवगत कराने तथा समुचित कार्रवाई करने का आग्रह करने को कहा है. ऐसा नहीं होने पर आगामी समय में जनता का भारी नुकसान होकर बुरा हाल होने की चेतावनी भी दी है. राज्य में कोरोना जांच के लिए नागरिको पर दबाव, अन्य मौतों को भी कोरोना से मौत बताकर लोगों मे डर पैदा करनेवाला तरीका तत्काल रोकने की मांग की है. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक ही मापदंड रहनेवाली नीति नहीं रहना ही मुख्य कारण है.
बैरिस्टर विनोद तिवारी ने कोरोना के सौम्य तथा मध्यम लक्षण रहनेवाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं करते हुए होम आयसोलेट करने की सलाह दी है. मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने का दवाब डालने वालों के खिलाफ उडऩ दस्ते से कार्रवाई करने की मांग की. राज्य मे डर दिखाकर लोगों को अस्पताल में भर्ती करनेवाली गलत नीति को तत्काल रोकने का आग्रह किया. उनके मुताबिक महाराष्ट्र के कोरोना के कोहराम वाले राज्य के रूप में नाहक बदनाम करने का प्रयास रोका जाना चाहिए. इस पर समुचित कदम उठाने की सलाह भी बैरि. विनोद तिवारी ने दी है.

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