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पेड कटाई रोकें, अन्यथा भीषण परिणाम

जलवायु परिवर्तन का बडा असर

* मानसून के दगा देने पर प्रा. बंड की राय
अमरावती/दि.27 – पश्चिम विदर्भ में जून माह के लगभग सूखे रह जाने और किसानों को बुआई के लिए अपेक्षित बारिश का इंतजार लंबा खिंचने के लिए मानव ही जवाबदार रहने की बात मौसम विशेषज्ञ प्रा. डॉ. अनिल बंड ने कही. हालांकि बंड ने अगले कुछ दिनों में भरपूर बरसात होने की संभावना जतायी. किंतु लोगों को पेडों के जतन और बडे प्रमाण में पौधारोपण करने की आवश्यकता पर बल दिया. मौसम के लहरीपन पर बोलते हुए प्रा. बंड ने कहा कि, जलवायु परिवर्तन का भयंकर असर आने वाले वर्षों में देखने मिल सकता है.
* अमरावती और क्षेत्र सूखा
इस बार भरपूर बरसात की भविष्यवाणी की गई थी. बावजूद इसके जून माह में औसत बारिश का घाटा रह गया. इस बारे में पूछने पर प्रा. डॉ. बंड ने कहा कि, अमरावती और क्षेत्र में जुलाई में अच्छी बरसात होगी. उन्होंने खेती-किसानी करने वालों से अभी बुआई की हडबडी न करने कहा है.
* काट रहे जंगल विकास के नाम पर
प्रा. डॉ. बंड ने महाराष्ट्र और देश में विकास के नाम पर काट जा रहे वनों का मुद्दा गंभीर रहने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि, जंगल नष्ट किये जा रहे है. कांक्रिट की सडकें बन रही है. पेड कम होने से पृथ्वी का तापमान बढ रहा है. विकास के नाम पर जंगल कटाई रोकने की अपील मौसम विशेषज्ञ ने की. डॉ. बंड के अनुसार ऑक्सीजन अधिक आवश्यक है. ऑक्सीजन न रहने पर विकास क्या काम का? उन्होंने कहा कि, मनुष्य को जीवित रहने ऑक्सीजन आवश्यक है. न की विकास. डॉ. बंड ने 4 लेन, 6 लेन, 8 लेन सडकों के नाम पर पेडों की अंधाधुंध कटाई को भी बदलते मौसम का बडा कारण बताया.
* बढ रही कार्बन और मीथेन गैस
अमरावती और राज्य में मौसम तज्ञ के रुप में पहचाने जाते डॉ. बंड ने कहा कि, वातावरण में कार्बन और मीथेन गैस बढ रही है. इसका बडा असर यह होगा कि, आने वाले वर्षों में जनसंख्या तेजी से कम होगी. उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी के दिनों में बारिश और बारिश के सीजन में गर्मी और उमस होने की बात कही. साथ ही डॉ. बंड ने लोगों से अधिकाधिक संख्या में पौधे लगाने और उनका जतन करने की अपील की. डॉ. बंड ने यह भी कहा कि, जहां भी आपको पेड कटाई होता दिखाई दे, उसका तुरंत कडा और प्रभावी विरोध करें.

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