अमरावतीविदर्भ

बगैर वेतन शिक्षकों की यातना रोके

१० जुलाई की अधिसूचना रद्द करे

  • विदर्भ जुनियर कॉलेज टिचर्स एसोसिएशन की मांग

प्रतिनिधि/ दि.११

अमरावती – बगैर वेतन शिक्षकों पर की जा रही यातना रोकी जाए, सरकार ने जारी की १० जुलाई २०२० की अधिसूचना रद्द की जाए, शासन का शिक्षक विरोधी नियमोें को रोकने की जरुरत है, ऐसी मांग को लेकर विदर्भ जुनियर कॉलेज टिचर्स एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपा. सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार शासन के शिक्षा और शिक्षक विरोधी नियमों के कारण प्रचलित शिक्षा व्यवस्था बर्बाद हो रही है. इससे बाजारु शिक्षा व्यवस्था को प्रोत्साहन मिल रहा है. पिछले १५ से २० वर्षों से बगैर वेतन राज्य के हजारों शिक्षक काम कर रहे है. शासन ने उनके २० प्रतिशत वेतन का निर्णय लिया था. मगर निधि वितरण का आदेश न होने के कारण शिक्षक वेतन से वंचित है. १० जुलाई को विभाग की ओर से निजी स्कूल के कर्मचारी नियमावलि १९८१ के मसूदे में मरम्मत के बारे में अधिसूचना प्रकाशित की है. यह संविधान के नियमों के बाहर है, इसे रद्द किया जाए, ऐसी मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को ज्ञापन देते समय प्रा.रवींद्र कावरे, प्रा.मंगेश कांडलकर, प्रा.विनय काले, प्रा.साहबराव जुमडे, प्रा.सुभाष पारिसे, प्रा.प्रमोद गावंडे, प्रा.अजय गाडबैल, प्रा.ललित जावरकर, प्रा.नानासाहब निचल, प्रा.अंबादास राजगुरु आदि पदाधिकारी उपस्थित थे.

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