अमरावती/दि.4– केंद्र सरकार की रेल व बिजली के निजीकरण की निती के विरोध में 3 नवंबर को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड युनियन्स( सीटु) की ओर से देश व्यापी विरोध दिन मनाया गया. सरकारी संपत्ती को रोकने के लिए संगठन की ओर से जिलाधिकारी को निवेदन सौंपा गया.
3 नवंबर को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड युनियन्स की ओर से केंद्र सरकार व्दारा रेल और बिजली क्षेत्र के निजीकरण की निती के खिलाफ विरोध दिन मनाया गया. इस अवसर पर जिलाधिकारी को निवेदन सौंपते हुए मांग की गयी कि रेल बिजली सहित सभी सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण करना बंद करें. देश की जनता का बिजली का अधिकार अबाधीत रखते हुए केंद्र सरकार में पेश किया हुआ बिजली सुधार बिल-2022 तुरंत वापस ले. बाजार व्यवस्था पे आधारित बिजली वितरण व्यवस्था तथा स्मार्ट मिटर योजना बंद करें.
रेल विभाग में सभी रिक्त स्थान तुरंत भरकर जनता को रेल की सुरक्षित यात्रा करने व मेंटनेंस से लेकर सभी विभाग में चल रहे निजीकरण की निती वापस लें. रेल विभाग में शुरु की गयी आऊट सोर्सींग,निजीकरण, ठेका पध्दती, की महत्वपुर्ण विभाग संचालन,टिकीट बिक्री, मेंटनेंस सर्विस सेंक्टर से तुरंत वापस लेने की मांग निवेदन के माध्यम से सरकार के समक्ष रखी गयी. साथ ही निवेदन में कहा गया कि इन नितियों के कारण युवा बेरोजगार है. अगर मांग पुरी नहीं हुई तो तीव्र आंदोलन की चेतावनी निवेदन में दी गयी. इस समय सुभाष पांडे, राजेन्द्र भांबोरे, सुनिल देशमुख, पद्मा गजभिये, रमेश सोनुले, महेन्द्र बुब, किशोर शिंदे सहित संगठन के अन्य पदाधिकारी मौजुद थे.