अमरावतीमहाराष्ट्र

कथाकार डॉ आशा पाण्डेय को रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार

अमरावती का हिन्दी साहित्य जगत हर्षित

अमरावती/ दि.12– अमरावती का हिन्दी साहित्य जगत उस समय पुलकित हर्षित हो गया. जब अमरावती की अपनी हिन्दी साहित्यकार डॉ. आशा पाण्डेय को प्रतिष्ठित रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार प्रदान किया गया. डॉ.पाण्डेय की अब तक एक दर्जन से अधिक कृतियां प्रकाशित हुई है. उन्हें रमाकांत पुरस्कार प्राप्त होने पर बधाई व अभिनंदन का तांता लगा है.
सन 2019 से 2023 तक के लिए प्रतिष्ठित ’रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार’ 7 दिसंबर को राजधानी के गांधी शांति प्रतिष्ठान में प्रदान किये गए. डॉ आशा पाण्डेय को सन 2021के लिए पुरस्कृत किया गया. आशा पाण्डेय की अब तक 13 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी उन्हें प्राप्त हो चुके हैं. रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार समिति के संयोजक महेश दर्पण के अनुसार आशा पाण्डेय का चयन प्रसिद्ध रंगकर्मी देवेंद्र राज अंकुर ने किया. उन्होंने कहा: आशा पाण्डेय की कहानी डेढ़ सेर चांदीअपनी संरचना में भी अत्यंत सहज, सरल, अनायास होने का आभास देती है। लगता नहीं कि मुख्य पात्र नइका, उसके परिवार या गांव के दूसरे उच्च या मधयवर्गीय परिवारों के चित्रण में किसी अतिरिक्त आलंकारिकता का प्रयोग किया गया हो.
इससे पूर्व यह पुरस्कार 20 रचनाकारों को उनकी उत्कृष्ट कहानियों के लिये प्रदान किया जा चुका है. ये हैं- नीलिमा सिंह, कृपाशंकर, अजय प्रकाश, मुकेश वर्मा, नीलाक्षी सिंह, सूरजपाल चौहान, पूरन हार्डी, अरविंद कुमार सिंह, नवीन नैथानी, योगेंद्र आहूजा, उमाशंकर चौधरी, मुरारी शर्मा, दीपक श्रीवास्तव, आकांक्षा पारे काशिव, ओमा शर्मा, किरन सिंह, इंदिरा दांगी, विवेक मिश्र, दिव्या शुक्ला और राकेश तिवारी. इन पांच पुरस्कारों को मिलाकर अब तक 25 वर्ष के पुरस्कार सम्पन्न हो गए.
डॉ. पाण्डेय का कहना
इस अवसर पर आशा पाण्डेय ने अपनी रचना प्रक्रिया पर बोलते हुए कहा, मैं किसी विमर्श को प्रयत्नपूर्वक अपनी कहानी का विषय नहीं बनातीं हूं, और न ही किसी प्रकार का शोध करती हूं, बल्कि अपने अनुभव को अनुभूति में बदलने का इंतजार करती हूं, जब लगता है कि मैं कथ्य या अनुभव को कुछ रचनात्मक ढंग से लिख पाऊंगी तब कलम उठाती हूं.

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