अजीब चुनाव निशानियां, वोटर्स तक पहुंचाना टेढी खीर
निर्दलीय उम्मीदवारों के सामने बडी मुश्किल बाबा बडी मुश्किल
अमरावती/दि.8- चुनाव आयोग ने बहुजन समाज पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथी कायम रखा. अन्य पशु पक्षी के चिन्ह उन प्राणियों की कथित जान रक्षा और प्रताडना से बचाने के लिए प्रतिबंधित कर दिए. इसके उपरांत लाए गए नये चुनाव चिन्ह सुनने और देखने में मुश्किल लग रहे हैं. जिससे निर्दलीय उम्मीदवारों के सामने इन निशानियों को आम वोटर्स तक पहुंचाना बडा मुश्किल वाला मामला दिखाई पड रहा है. कई चुनाव चिन्ह पहली बार उपयोग में और प्रचलन में लाने की संभावना लोगों ने बोलकर बताई है.
राजनीतिक मान्यता प्राप्त दलों को उनकी निशानियां आवंटित हो गई. किंतु अब अपक्ष प्रत्याशियों को जो चुनाव चिन्ह मिले है. उनमें माचिस, पतंग, सिटी, सिलेंडर, ऑटो रिक्शा जैसे चिन्ह है. निर्दलीय उम्मीदवार के प्रचारक मतदाताओं को इस बारे में समझाने में बडी दिक्कत देख रहे हैं. अनेक ने निजी बातचीत में यह स्वीकार किया है. उनका यह भी कहना है कि ईवीएम पर काफी नीचे नंबर आने से उस नंबर का भी प्रचार करना पड रहा है. प्रत्याशियों के साथ ही कार्यकर्ता और शुभचिंतक असल में जब वोटर्स तक पहुंच रहे है तो उन्हें इन मुश्किलात का मुकाबला करने की स्थिती दिखाई पड रही.
अधिकांश निर्दलीय
जिले की आठ सीटों से 160 उम्मीदवार विधानसभा में कदम रखने की जुगत लगा रहे हैं. बेशक अधिकांश प्रत्याशी निर्दलीय है. चुनाव आयोग ने कुल 190 चुनाव चिन्ह रखे हैं. जिनमें कुछ ऐसी निशानियां है जिनके बारे में आज से पहले देखा व सुना नहीं गया. अब वह निशानियां लेकर उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं तो उनके शुभचिंतक वोटर्स को निशानी समझाने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं. उनके माथे पर बल पड रहे हैं.
अपक्ष के यह अजीब चिन्ह
अधिकांश उम्मीदवार अपक्ष अर्थात निर्दलीय खडे है. जिन्हे आयोग के प्रावधान के अनुसार बल्ला, रोड रोलर, प्रेशर कुकर, गैस सिलेंडर, अंगूठी, स्टूल, कढाई, तुरही, आरी, गन्ना किसान जैसे निशान मिले है. कुछ प्रतीक ही वोटर्स के जाने पहचाने हैं. अधिकांश निशानियां ज्यादातर वोटर्स समझ नहीं पा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि कुछ चुनाव पहले एसी और टीवी सेट के निशान ने वोटर्स को कन्फ्यूज किया था.