मेलघाट में स्टॉबेरी की लागत पर्यटकों को कर रही आकर्षित
50 किसानों ने अपने खेत में लिया पथदर्शी प्रकल्प
अमरावती/दि.21– मुख्यत: महाबलेश्वर को स्ट्रॉबेरी लागत के लिए पहचाना जाता है. मेलघाट के अनेक किसानों ने इस वर्ष भी अपने खेत में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन किया है. महाबलेश्वर की तरह चिखलदरा भी ठंडी हवा का स्थान है. यहां पर बारहो महीने पर्यटक भीड करते है. ठंडी हवा के साथही अब यहां की स्ट्रॉबेरी भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. दस साल पूर्व कृषि तकनीक व्यवस्थापन आत्मा, कृषि विभाग के आर्थिक सहयोग से श्री शिवाजी उद्यानविद्या महाविद्यालय, अमरावती ने संशोधन कर मेलघाट में स्ट्रॉबेरी का सफल उत्पादन लिया. तथा इसीका अनुभव लेकर जिला नाविन्यता परिषद, नियोजन विभाग, जिलाधिकारी कार्यालय अमरावती ने 50 किसानों के खेत में स्ट्रॉबेरी लागत का पथदर्शी प्रकल्प चलाया. इस प्रकल्प से किसानों को औसतन दो लाख रुपए तक आमदनी मिली. इस साल से किसान कोई सरकारी आर्थिक मदद न लेकर अपने बलबुते पर श्री शिवाजी उद्यानविद्या महाविद्यालय अमरावती के तकनीकी सहयोग से स्ट्रॉबेरी की लागत कर आय कमा रहे है. गजानन शनवारे, साधुराम पाटील, भीम निखाडे-मोथा, नारायण खडके, आकाश खडके, गंगाराम खडके, किसन खडके, आलाडोह, गंगाराम धांडे, नामदेव चव्हाण, मडकी व खटकाली के आदिवासी किसान मनोहर जांभेकर ने स्ट्रॉबेरी की लागत की है.