अमरावतीमहाराष्ट्र

चलती गाड़ियों के पीछे भागते हैं आवारा कुत्ते

हादसों के आंकडों में हो रही बढोत्तरी

परतवाड़ा दि.12– अंचल में इन दिनों आवारा कुत्तोें से लोगों को जिना हराम कर रखा है.आये दिन लोगों के साथ कोई ना कोई घटना घटित होने के मामले सामने आते है. कभी श्वानों के दुपहिया के सामने आने से दुर्घटना घटित होने के मामले भी घटित हो रहे है. जुड़वां शहर अचलपुर-परतवाड़ा में आवारा कुत्तों का आतंक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. प्रतिदिन आवारा कुत्तों के काटने की खबर सामने आती है तो कभी श्वानों के पिछे भागने से लोगों के घायल होने के मामले उजागर हो रहे है. प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर का ऐसा कोई इलाका नहीं है जहां पर कुत्तोें का आतंक नहीं है. हर गली, हर मोहल्ले में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कुत्त्त्तोें का झुंड एक साथ किसी भी बाईक सवार के पिछे भागता है तो कहीं लोगों को पैदल चलना भी यह कुत्ते मुश्कील कर देते है. शहर में लगातार आवारा कुत्तों का कहर बढ़ता जा रहा है, रोजाना कुत्तों के काटने के अलगअलग और भयावह मामले सामने आ रहे हैं. शहर की जनता अब आवारा कुत्तों को लेकर चिंता जाहिर कर रही है.अचलपुर नगर पालिका द्वारा लाखों रुपये खर्च कर विगत दिनों कुत्तोें की नसबंदी करने का अभियान चलाया गया मगर फिर भी कुत्त्त्तोें की संख्या कम होने की बजाय उल्टा बढती ही नजर आ रही है. जहां एक ओर आवारा कुत्तों को लेकर सख्त नियम और दिशा-निर्देश शासन की ओर से जारी करने की वजह से लोग कुत्तोें को जान भी मार नहीं सकते. वहीं दूसरी तरफ पशु प्रेी भी हैं, जो लगातार इन आवारा कुत्तों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं. कुत्तों के साथ किसी भी तरह की क्रूरता या फिर दुर्व्यवहार की स्थिति में किसी शख्स को जेल तक की हवा खानी पड़ सकती है. इसलिए लोग कुछ करने से भी ड़रते है. श्वानों को लेकर शासकीय तौर पर काफी कडे नियम बनाये गये है. नियम के मुताबिक आप किसी आवारा कुत्ते को उसकी जगह से नहीं हटा सकते हैं, यानी उसे किसी सोसाइटी या फिर मोहल्ले से ऐसे ही नहीं हटाया जा सकता है. धारा 428 और 429 के तहत आवारा कुत्तों को मारना अपराध है. अगर कोई आवारा कुत्तों को मारने या परेशान करने की कोशिश करता है तो इसकी शिकायत पुलिस में भी की जा सकती है. ऐसे जानवरों को मारने या फिर जहर देने के लिए आपको पांच साल तक की जेल हो सकती है, वहीं क्रूरता के लिए तीन महीने तक जेल में काटने पड़ सकते हैं. ऐसे हालात में भला कोई कुत्तों को मारने की या उनके खिलाफ कारवाई करने की कैसे हिम्मत कर सकता है. इसलिए प्रशासन इस बारे में कडे कदम उठाये और आवारा कुत्तों का बंदोबस्त करे ऐसी मांग अब जनता द्वारा की जा रही है.

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