अमरावती

अवैध भूखंड बेचनेवालों पर हो कडी कार्रवाई

पूर्व विधायक सुनील देशमुख ने सौंपा जिलाधीश नवाल को ज्ञापन

  • सन २०१३-१४ के दौरान ९४ अनधिकृत ले-आउट पाये गये थे

  • गंभीरपूरा, नवसारी, बडनेरा व वडाली परिसर की २०० एकड जमीन का था समावेश

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२४ – शहर में विशेषकर पश्चिमी क्षेत्र में स्थित गंभीरपूरा परिसर में कृषि भुमि को अवैध तरीके से ले-आउट बनाते हुए भूखंडों की बिक्री की जा रही है. यह अपने आप में बेहद गंभीर मामला है. नगर विकास विभाग द्वारा तय की गई नियमावली तथा निर्माण संनियंत्रण नियमावली का खुलेआम उल्लंघन करते हुए सर्वसामान्य जनता के साथ जालसाजी की जा रही है. साथ ही इसकी वजह से बडे पैमाने पर सरकार का राजस्व भी डूब रहा है. अत: अवैध भूखंडों की बिक्री करनेवाले लोगों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए. इस आशय की मांग शहर के पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख द्वारा जिलाधीश नवाल को सौंपे गये ज्ञापन में की गई है. इस ज्ञापन में कहा गया है कि, इस तरह के ले-आउट में किसी भी तरह के विकास कार्य करना महानगरपालिका के लिए संभव नहीं हो पाता. ऐसे में यहां रहनेवाले लोगबाग सालोंसाल तक सडक, नाली व खुली जगह जैसी मुलभूत सुविधाओं से वंचित रहते है. वर्ष २०१३ से २०१४ के दौरान अमरावती मनपा क्षेत्र के गंभीरपूरा, नवसारी, तारखेडा, बडनेरा तथा वडाली आदि क्षेत्रों में करीब ९४ अनधिकृत ले-आउट पाये गये थे.

जिनमें शामिल जमीन करीबन २०० एकड से अधिक रहने का आकलन किया गया था. इस विषय को लेकर विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव उपस्थित करने पर इस पूरे मामले की जांच करने हेतु १३ अगस्त २०१३ को जारी सरकारी निर्णय में के तहत विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच समिती स्थापित करते हुए सरकार को रिपोर्ट भेजने की बात कही गयी थी. जिसके चलते इस समिती की सात बैठके हुई और २ दिसंबर २०१३ को इस मामले में जांच समिती ने सरकार के समक्ष तमाम गडबडियों, उस पर की गई उपाययोजनाओं और संबंधितों के खिलाफ की जानेवाली दंडात्मक कार्रवाई के संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट पेश की थी. इसके बाद वर्ष २०१८ में तारखेडा में भी इसी तरह के अनधिकृत लेआउट का मामला सामने आया. जिस पर खुद डॉ. सुनील देशमुख ने रोक लगाते हुए जिलाधीश कार्यालय में बैठक लेकर यह बात प्रशासन के ध्यान में लाकर दी और तुरंत कार्रवाई करते हुए नियमानुसार ले-आउट कन्व्र्हट कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु निर्देश जारी किये. लेकिन इतना सब होने के बावजूद भी प्रशासन की उदासिनता कायम है.

ऐसे में पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने इस पूरे मामले में कठोर कार्रवाई करते हुए अनधिकृत ले-आउट को नियमित करने हेतु संबंधितों को बाध्य करने, जांच समिती की सिफारिशों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसे अनधिकृत ले-आउट न बन पाये, इस हेतु प्रशासन को सतर्क रहने के संदर्भ में सख्त निर्देश दिये जाने की मांग अपने ज्ञापन में की है.

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