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वरुड-मोर्शी में कडा बंद, बांग्लादेश में हिंदूओं पर अत्याचार का विरोध

बोंडे ने कहा- जयचंदों और जातियों में बांटने वाले से रहें सावधान

* तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम निवेदन
वरुड/मोर्शी/दि.16 – बांग्लादेश में कुछ दिनों से हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में आज वरुड और मोर्शी तहसीलों में सकल हिंदू समाज की ओर से आयोजित बंद न केवल सफल रहा, बल्कि बडी संख्या में अनेक संगठनों, दलों के नेता, पदाधिकारी सडकों पर उतरे. शिवाजी चौक पर हुई निषेध सभा में सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने लोगों को जयचंदों और जाति जाति में हिंदूओं को बांंटने की साजिश से सावधान किया. भाजपा जिलाध्यक्ष का संबोधन प्रखर रहा. वे केसरियां कुर्ता धारण किये थे. उन्होंने बहुत ही स्पष्ट, सीधी सरल भाषा में बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार से मोर्शी, वरुड, समस्त जिले और देश के लोगों को सबक लेने का बारंबार आवाहन किया.
* मार्केट बंद, नहीं खुले ठेले भी
वरुड और मोर्शी में आज 16 अगस्त को आयोजित बंद को व्यापक समर्थन मिलने का समाचार है. व्यापक पुलिस बंदोबस्त भी तैनात किया गया. समाचार लिखे जाने तक दोनों ही तहसीलों के सभी प्रमुख मार्केट के सुबह से बंद रहे. पानठेले और चाय की टपरियां भी नहीं खुली.
* सुबह 11 बजे मोर्चा
वरुड में स्वयंस्फूर्त बंद का दावा किया गया. सुबह 11 बजे शिवाजी चौक पर हजारों लोग एकत्र हो गये. जिसे नुक्कड सभा का स्वरुप मिल गया. इस समय हिंदू समाज के पदाधिकारियों ने लोगों में जोश भरने का प्रयत्न किया. मोर्चा तहसील कार्यालय पहुंचा. वहां राष्ट्रपति के नाम निवेदन देकर बांग्लादेश में हो रही हिंसा विशेषकर हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार हर कीमत में रोकने वहां की सरकार से तत्काल बात करने और केंद्र को दखल देने के निर्देश देने का अनुरोध महामहिम राष्ट्रपति से किया गया. हजारों की संख्या में लोग इस मार्च में सहभागी हुए.
* मारा जाता केवल हिंदू
डॉ. बोंडे ने अत्यंत तीखा और स्पष्ट संबोधन करते हुए कहा कि, बांग्लादेश में सबसे पहले हिंदू नगरसेवक को फांसी पर लटकाया गया. जिसने शेख हसीना का विरोध किया. उस आंदोलन का नेतृत्व करने के बावजूद उसे ही सबसे पहले खत्म किया गया. ऐसे ही इस्कॉन मंदिर के प्रमुख को उनके ढेरों कल्याणकारी कामों के बावजूद वहीं लटका दिया गया. महिलाओं पर अत्याचार वर्णनातीत है. उनके स्तन काटे जा रहे हैं. डॉ. बोंडे ने कहा कि, वहां कोई माली, कुणबी, ब्राह्मण, मारवाडी, मराठा नहीं मारा जा रहा, हिंदू मारा जा रहा. हिंदूओं को चुन-चुनकर खत्म किया जा रहा. हिंदूओं पर हमले का यह कोई पहला मामला नहीं है. हमें शर्म भी नहीं आती. सैकडों वर्षों से हम जयचंद या जयचंद समर्थक बनकर यह सब झेल रहे है. अपने ही धर्म की हानि कर रहे है. सांप को दूध पिलाने की ऐसी सजा बांग्लादेश के हिंदू भुगत रहे है कि, 1971 में 7 करोड की आबादी थी. आज 1 करोड तक घट गई. आक्रामक अंदाज में डॉ. बोंडे ने हिंदूओं से जागरुक होने और एकजुट होने का आवाहन कर दावा किया कि, दुनिया में भारत में रह रहे मुस्लिम सर्वाधिक सुखी है.

 

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