अमरावती

हडताल ने बढाई मार्च एन्डिंग की चिंता

सरकारी निधि के वापिस जाने का खतरा

कोषागार सहित विविध विभागों के काम ठप
अमरावती/दि.18- प्रतिवर्ष मार्च माह के दौरान कोषागार विभाग में देयक पारित करने की दौडभाग रहती है और रोजाना 1 हजार के आसपास देयक प्रस्तुत होते है. परंतु इस समय पुरानी पेंशन योजना को लेकर राज्य के सरकारी व अर्धसरकारी कर्मचारियों व्दारा कामबंद आंदोलन करते हुए हडताल किए जाने के चलते यह पूरी प्रक्रिया ठप पड गई है. वहीं अब अगर समय पर देयक पारित नहीं हुए तो सरकारी निधि के वापिस चले जाने का खतरा भी जताया जा रहा है. जिसकी वजह से मार्च एन्डिंग को लेकर चिंता बढ गई है.
उल्लेखनीय है कि विगत 14 मार्च से विभागीय आयुक्त कार्यालय, जिलाधीश कार्यालय, तहसील कार्यालय व जिला परिषद सहित जिले के सभी सरकारी महकमों के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर कामबंद आंदोलन करते हुए अनिश्चितकालीन हडताल करनी शुरु कर दी है. जिसमें तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अव्वल लिपिक, राजस्व सहायक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हुए है. चूंकि इस समय जारी आर्थिक वर्ष का आखरी महिना चल रहा है, ऐसे में मार्च माह के दौरान राजस्व वसूली का लक्ष्य भी तय करना है. इसके अलावा मार्च एन्डिंग के कई काम भी निपटाने है. जो कर्मचारियों की हडताल की वजह से ठप पडे है.
* लॉग इन कौन करेगा?
जिले में निवृत्ति वेतन धारकों की संख्या भी 40 हजार के आसपास है और इस हडताल की वजह से सभी पेंशनधारकों के काम भी रुक गए है. कोषागार विभाग के कर्मचारियों का अपना खुद का लॉग इन व पासवर्ड रहने के चलते अन्य अधिकारियों व्दारा यह काम नहीं किया जा सकता, बल्कि कम्प्युटर प्रणाली में जिस कर्मचारी पर काम का जिम्मा होता है उसे ही अपना काम पूरा करना होता है. ऐसे में यद्यपि इस समय वरिष्ठ अधिकारी काम पर हैं. परंतु कनिष्ठ अधिकारियों के सभी काम अटके पडे है. विविध विभागों को मिलने वाली सरकारी निधि कोषागार कार्यालय से ही प्राप्त होती है, ऐसे में कर्मचारियों के वेतन, टेलिफोन बिल, कार्यालयीन खर्च व संजय गांधी निराधार योजना की निधि जैसे सभी कामों पर इस हडताल का परिणाम हुआ है.
* अन्य विभागों की स्थिति
– जिलाधीश कार्यालयों व्दारा प्रमाणपत्र वितरित करने की प्रक्रिया खंडित.
– स्थानीय स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों की श्रृंखला गडबडाई.
– अन्न व औषध प्रशासन विभाग के लिपिक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हडताल पर है. जिसकी वजह से सैम्पलों को प्रयोगशाला में भेजने का काम लटक गया है. इसके साथ ही अन्य विभागों को डाग भेजने में भी काफी तकलिफों का सामना करना पड रहा है. परंतु टेक्निकल विभाग के कर्मचारी काम पर रहने के चलते एफडीए ने अन्य सभी काम सुचारु रुप से चल रहे है.
* जमीन की नापजोख रुकी
नगर भूमापन कार्यालय के कर्मचारी हडताल पर रहने के चलते जमीनों की नापजोख का काम रुक गया है. इसी तरह फेरफार संबंधी काम भी नहीं हो रहे है. अमूमन नगर भूमापन कार्यालय में रोजाना 100 से 150 आवेदन दाखिल होते है. परंतु इस समय केवल वरिष्ठ अधिकारी ही काम पर मौजूद रहने के चलते पुराने प्रलंबित मामलो के निपटारे का काम चल रहा है और नए आवेदनों के काम रुके पडे है.

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