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मनपा के सफाई ठेकेदारों की हडताल टली

निगमायुक्त कलंत्रे के साथ ठेकेदारों की बैठक रही सफल

* जल्द ही प्रलंबित देयकों का भुगतान करने की बात हुई तय
* आज सुबह साफ-सफाई के बाद शुरु हुआ था कामबंद आंदोलन
* मनपा ने ठेकेदारों की चेतावनी को लिया गंभीरता से, तुरंत भुगतान को लेकर की चर्चा
अमरावती/दि.1 – विगत फरवरी माह से लेकर अब तक शहर में किये जानेवाले साफ-सफाई से संबंधित कामों के बिल बकाया रहने तथा बार-बार ध्यान दिलाये जाने के बावजूद भी मनपा प्रशासन द्वारा बिलों का भुगतान नहीं किये जाने से संतप्त हुए मनपा के साफ-सफाई ठेकेदारों ने आज सुबह 11 बजे से कामबंद आंदोलन करना शुरु कर दिया था. जिसके तहत बीती शाम मनपा आयुक्त के नाम दो सफाई ठेकेदारों द्वारा सौंपे गये ज्ञापन के मुताबिक ठेकेदारों के सफाई कर्मियों ने आज सुबह तो अपने-अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत साफ-सफाई का काम निपटाया. जिसके बाद सुबह 11 बजे से मनपा मुख्यालय के समक्ष ठिया आंदोलन करते हुए कामबंद आंदोलन प्रारंभ किया गया. इसी दौरान इस हडताल को बेहद गंभीरता से लेते हुए मनपा आयुक्त व प्रशासक सचिन कलंत्रे ने दोनों स्वच्छता ठेकेदारों को चर्चा हेतु बुलाया तथा इस बैठक में आयुक्त ने दोनों स्वच्छता ठेकेदारों को आश्वस्त किया कि, आगामी 2-3 दिनों के भीतर उनके बकाया देयकों का भुगतान धीरे-धीरे करना शुरु कर दिया जाएगा. अत: वे अपनी हडताल को खत्म कर शहर में साफ-सफाई के काम को जारी रखे. निगमायुक्त कलंत्रे द्वारा दिये गये इस आश्वासन पर सकारात्मक रुख दर्शाते हुए दोनों स्वच्छता ठेकेदारों ने अपनी हडताल को पीछे लेने का निर्णय लिया. जिसके चलते मनपा प्रशासन ने राहत की सांस ली.
बता दें कि, झोन क्रमांक-1 व झोन क्रमांक-5 की साफ सफाई का जिम्मा रहने वाली श्री नागरिक सेवा संस्था तथा झोन क्रमांक-2 व झोन क्रमांक-4 की साफ-सफाई का जिम्मा रहने वाली गोविंदा नागरीक सेवा संस्था नामक 2 स्वच्छता ठेका एजेंसियों ने गत रोज ही मनपा आयुक्त के नाम निवेदन देते हुए आज 1 अक्तूबर से कामबंद आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. जिसके अनुसार दोनों ठेकेदार एजेंसियों ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत आज सुबह 11 बजे तक साफ-सफाई का काम किया और फिर सुबह 11 बजे से मनपा मुख्यालय के समक्ष ठिया आंदोलन करते हुए अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करना शुरु किया. इस समय दोनों ठेकेदार एजेंसियों द्वारा कहा गया कि, अब जब तक उन्हें विगत फरवरी से अगस्त माह तक शहर मे किये गये साफ-सफाई के कामों के देयकों का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक शहर में साफ-सफाई का काम शुरु नहीं करेंगे. ऐसे में आज से अमरावती शहर के सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सफाई का काम पूरी तरह से ठप हो जाने की संभावना बन गई थी. लेकिन दोपहर बाद तक मनपा प्रशासन ने आपसी चर्चा के जरिए इस मसले का समाधान निकाल लिया.
ज्ञात रहे कि, अमरावती मनपा प्रशासन द्वारा शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था हेतु झोन निहाय ठेका पद्धति को अमल में लाया गया. जिसके तहत मनपा के मध्य झोन क्रमांक-2 (राजापेठ) व झोन क्रमांक-4 (बडनेरा) में शामिल प्रभागों की साफ-सफाई का ठेका श्री गोविंदा सफाई कामगार सहकारी नागरिक संस्था को मिला था. साथ ही झोन क्रमांक-1 (रामपुरी कैम्प) व झोन क्रमांक-5 (भाजीबाजार) में शामिल प्रभागों की साफ-सफाई का ठेका श्री नागरिक सेवा सहकारी संस्था ने हासिल किया था. इन दोनों ठेकेदार एजेंसियों द्वारा अपने-अपने जिम्मे रहने वाले प्रभागों में रोजाना साफ-सफाई करने हेतु स्वच्छता कर्मियों की नियुक्ति करने के साथ ही कचरा उठाने और कचरे को कंटेनर तक पहुंचाने के लिए घंटा गाडियां व टिप्पर भी खरीदें गये थे. इन दोनों ठेकेदार संस्थाओं के मुताबिक उन्हें विगत फरवरी माह से लेकर अब तक उनके द्वारा किये गये साफ-सफाई संबंधित कामों के बिलों का भुगतान नहीं किया गया है. जिसके चलते उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन तथा कर्ज पर लिये गये स्वच्छता संबंधित वाहनों की किश्त का भुगतान अपनी जेब से करना पड रहा है और विगत 8 माह से लगातार अपने पास से कर्ज की किश्तें व वेतन अदा करते हुए उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. साथ ही उन पर कर्ज का बेाझ भी बढ गया है. जिसके अलावा कुछ मिनी टिप्पर की किश्तें नहीं भरे जाने के चलते कर्ज देने वाली बैंकों ने उनकी गाडियों को सील करने की नोटीस भी जारी की है. ऐसे में उन्हें मनपा प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द उनके बकाया बिलों का भुगतान किया जाना चाहिए. क्योंकि भुगतान मिले बिना वे अपना काम जारी रखने में असमर्थ है.
गत रोज ही दोनों ठेकेदार एजेंसियों ने मनपा आयुक्त व प्रशासक सचिन कलंत्रे को अपने द्वारा किये जाने वाले कामबंद आंदोलन के बारे में जानकारी दी थी और आज सुबह के सत्र दौरान दोनों ठेकेदार एजेंसियों ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत साफ-सफाई का काम करने के उपरान्त दोपहर 11 बजे मनपा मुख्यालय के समक्ष ठिया आंदोलन करना शुरु किया. जिसके बाद मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे ने अपने अधिनस्थ अधिकारियों से तुरंत ही चर्चा करते हुए इस समस्या के समाधान पर विचार विमर्श करना शुरु किया और इसके उपरान्त दोनों सफाई ठेकेदारों को बातचीत हेतु बुलाया गया. पश्चात दोनों पक्षों के बीच हुई सार्थक चर्चा के उपरान्त इस हडताल को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया गया.

* ऐन त्यौहारी सीजन में मनपा के सामने पैदा हुई दिक्कत
उल्लेखनीय है कि, दो दिन बाद से 3 अक्तूबर को 9 दिवसीय नवरात्रोत्सव प्रारंभ होने जा रहा है. इस दौरान जहां राजकमल चौक से गांधी चौक के बीच अंबादेवी मार्ग पर नवरात्र का मेला लगता है. वहीं शहर में कई स्थानों पर सार्वजनिक मंडलों द्वारा दुर्गादेवी व शारदादेवी की प्रतिमाएं स्थापित की जाती है. साथ ही बडी संख्या में भाविक श्रद्धालु देवी दर्शन करने हेतु अपने घरों से बाहर निकलते है. जिसके चलते शहर में साफ-सफाई व्यवस्था का चूस्त दुरुस्त होना बेहद आवश्यक है. परंतु ऐन त्यौहार के मुहाने पर मनपा के स्वच्छता ठेकेदारों ने कामबंद आंदोलन करना शुरु कर दिया था. जिसके चलते मनपा के लिए दिक्कतें बढती नजर आ रही थी.

* अन्य कई ठेका एजेंसियों के भी बकाया है लाखों करोडों के बिल
स्वच्छता ठेकेदारों के साथ-साथ महानगरपालिका पर अन्य ठेका एजेंसियों के भी लाखों-करोडों रुपयों के बिल बकाया है. जिसके तहत मनपा को वाहन चालक उपलब्ध कराने वाली इटकॉन कंपनी के 3 माह के, सुरक्षा रक्षकों की आपूर्ति करने वाले महात्मा फुले संस्था के 5 माह के, मनुष्यबल की आपूर्ति करने वाले गोविंदा संस्था के 3 माह के बिलों का भुगतान बकाया रहने के साथ ही निर्माण विभाग के विविध ठेकेदारों के बिल भी मनपा की ओर बकाया है. इसके अलावा जीवन प्राधिकरण द्वारा की जाती जलापूर्ति व महावितरण द्वारा की जाती विद्युत आपूर्ति के भी भारी भरकम देयक मनपा की ओर बकाया है. साथ ही साथ अपने बकाया वेतन, भत्तों व पेंशन की मांग को लेकर मनपा के कर्मचारी संगठन ने भी आगामी 8 अक्तूबर से कामबंद हडताल करने की चेतावनी दे रखी है. ऐसे में मनपा चारों ओर से आर्थिक संकटों के बीच घिरी हुई है.

* तिजोरी में 14 करोड, भुगतान 250 से 300 करोड का
जानकारी के मुताबिक मनपा को 15 वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार नॉन मिलियन प्लस सिटी अंतर्गत वर्ष 2023 से 2024 के दौरान अबंधनकारक व मूलभूत अनुदान की पहली किश्त के तौर पर 5 करोड 61 लाख 44 हजार 76 रुपए का अनुसान प्राप्त हुआ. वहीं 15 वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार नॉन मिलीयन प्लस सिटी अंतर्गत वर्ष 2023-24 में पेयजल (बारिश के पानी का संग्रहण व पुनर्उपयोग सहित) एवं घनकचरा व्यवस्थापन हेतु अनिवार्य अनुदान के तौर पर 8 करोड 42 लाख 16 हजार 214 रुपए प्राप्त हुए. ऐसे में इस समय मनपा की तिजोरी में केवल 14 करोड 3 लाख 60 हजार 287 रुपए ही मौजूद है. जबकि मनपा को सभी बकाया भुगतान अदा करने हेतु 250 से 300 करोड रुपए की जरुरत है. जिसे अदा करने के लिए मनपा प्रशासन को निधि की व्यवस्था करने हेतु ऐडी चोटी का जोर लगाना पड रहा है.

* संपत्ति कर वसूला का काम भी ठंडा
उल्लेखनीय है कि, मनपा की आय का सबसे बडा व एकमात्र स्त्रोत संपत्ति कर की वसूली मनपा द्वारा अमरावती शहर में स्थित संपत्तियों का नये सिरे से मूल्यांकन करते हुए वृद्धिंगत दरों के साथ ही संपत्ति कर की वसूली का काम शुरु किये जाने के चलते मनपा को कुछ हद तक आवक होनी शुरु भी हो गई थी. परंतु इसी दौरान संपत्ति कर की वृद्धिंगत दरों को लेकर जमकर राजनीति होनी शुरु हुई. जिसके चलते राज्य सरकार द्वारा संपत्ति कर की वृद्धिंगत दरों को स्थगिति भी दी गई. ऐसे में नागरिकों ने संपत्ति कर अदा करने से ही किनारा कर लिया. जबकि मनपा द्वारा सहुलियत की दरों के साथ संपत्ति कर की अदायगी हेतु अपनी डेडलाइन को करीब 5 बार बढाया गया. लेकिन इसके बावजूद भी मनपा द्वारा संपत्ति कर वसूली के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका. जिसकी वजह से अब मनपा की तिजोरी में ‘ठन ठन गोपाला’ वाली स्थिति है. वहीं अपने बकाया बिलों के भुगतान को लेकर स्वच्छता ठेकेदारों द्वारा कामबंद आंदोलन करना शुरु किया था, जो सौंभाग्य से टल गई है. लेकिन वहीं अब आगामी 8 अक्तूबर से मनपा के कर्मचारियों द्वारा भी हडताल पर जाने की घोषणा की गई है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, खुद मनपा कार्यालय में चलने वाले कामकाज को सुचारु रखने के लिए मनपा प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाया जाता है.

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