अमरावती

प्रहार शहराध्यक्ष बंटी रामटेके का सफल रहा नियोजन

कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए आठ दिनों से जुटे थे तैयारियों में

अमरावती/दि.2- गत रोज स्थानीय नेहरू मैदान में प्रहार जनशक्ति पार्टी का कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ. जिसमें अमरावती शहर व जिले सहित पूरे राज्य से प्रहार पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल हुए थे. जिनकी संख्या सात ते आठ हजार के आसपास थी. इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए प्रहार जनशक्ति पार्टी के शहराध्यक्ष बंटी रामटेके विगत आठ दिनों से युध्दस्तर पर अपने सहयोगियों के साथ तैयारियों में जुटे हुए थे और उनके द्वारा किये गये शानदार नियोजन के चलते ही यह आयोजन बेहद सफल रहा, ऐसा माना जा रहा है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस आयोजन को सफल बनाने का पूरा जिम्मा प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष व विधायक बच्चु कडू ने अमरावती में अपने सबसे विश्वासपात्र रहनेवाले बंटी रामटेके पर सौंपा था और बंटी रामटेके ने भी अपने नेता द्वारा जताये गये विश्वास की कसौटी पर खरा उतरने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोडी. इस आयोजन के लिए पंडाल बनाने से लेकर कुर्सियां उपलब्ध कराने और राज्यभर से आनेवाले प्रहार पदाधिकारियों के वाहनों की पार्किंग हेतु व्यवस्था करने का जिम्मा भी बंटी रामटेके पर था. ऐसे में उन्होंने विगत आठ दिनों से प्रहार के संपर्क प्रमुख गोलु पाटील, चंदू खेडकर, शे. अकबर, विद्यार्थी प्रमुख ऋषभ मोहोड, बडनेरा प्रमुख योगेश कावरे, उमेश मेश्राम, श्याम इंगोले, श्याम कथे पाटील, विक्रम जाधव, रावसाहब गोंडाणे, रणजीत देशमुख व कुणाल तायडे सहित प्रहार के 200 से अधिक स्वयंसेवकों के साथ मिलकर लगातार आठ दिनों तक मेहनत की और उनके द्वारा दिये गये इस योगदान के चलते ही प्रहार जनशक्ति पार्टी का यह कार्यकर्ता सम्मेलन बेहद सफल रहा. गत रोज नेहरू मैदान में एक ही समय पर सात से आठ हजार प्रहारियों की मौजूदगी थी. इन सभी के लिए स्वादिष्ट भोजन के साथ ही साफ-सूथरे ठंडे पानी की व्यवस्था मैदान पर उपलब्ध कराई गई थी और हर एक कार्यकर्ता ने भोजन का आनंद लिया. पश्चात यह आयोजन समाप्त होने के बाद शाम 5 बजे के आसपास आयोजन की सफलता से संतुष्ट बंटी रामटेके ने अपने 200 कार्यकर्ताओेें के साथ भोजन किया और सभी के प्रति आभार माना.

* भोजन के लिए लगे थे सात स्टॉल
महाराष्ट्र के सभी जिला प्रमुख और कार्यकर्ता इस सभा के लिए दूरदराज के क्षेत्रों से लंबी यात्रा करते हुए पहुंचेगे. इस बात के मद्दनेजर उन्हें अमरावती पहुंचते ही भोजन उपलब्ध कराते हुए रात से तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई थी और आयोजन स्थल पर कुल सात स्टॉल लगाये गये थे. इसमें से दो स्टॉल महिलाओं के लिए आरक्षित थे. साथ ही एक स्टॉल पर दिव्यांगों के लिए बैठकर भोजन करने हेतु आसन व्यवस्था उपलब्ध करायी गई थी. जहां उन्हें भोजन परोसने का भी प्रबंध था, ताकि वे बडे आराम के साथ भोजन कर सके. आयोजन और प्रबंध का अंदाजा केवल इस बात से ही लगाया जा सकता है कि, आयोजन स्थल पर रात 2 बजे से ही किचन सजा दिया गया था. जहां पर सुर्योदय होते-होते 12 क्विंटल रोटियां, 3 क्विंटल चावल और 14 गंज भरकर दाल व सब्जी तैयार कर ली गई थी.

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