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पट्टेदार बाघ का वडाली और चांदुर रेलवे वनपरिक्षेत्र के जंगल में डेरा

जंगल में मिले पगमार्क, हर दिन 25 किलोमीटर का सफर

अमरावती/दि. 11 – वडाली और चांदुर रेलवे वनपरिक्षेत्र के जंगल में पट्टेदार बाघ ने डेरा जमा रखा है, ऐसा वनविभाग का कहना है. जैवविविधता और पानी इस जंगल का वैभव है. इस जंगल में प्राणी स्थिर नहीं रहते.
वडाली-चांदुर रेलवे वनपरिक्षेत्र के जंगल में कुछ माह से पट्टेदार बाघ (नर) यह वर्धा जिले के बोर अभयारण्य से आने की जानकारी है. वडाली और चांदुर रेलवे वनपरिक्षेत्र 21 हजार 485 हेक्टेअर क्षेत्र में फैला है. इसमें से चांदुर रेलवे, चिरोडी, वडाली सर्कल के घने जंगल में पट्टेदार बाघ का हर दिन 25 किलोमीटर सफर शुरु रहने की बात वनविभाग को स्पष्ट हुई है. बाघ के जगह-जगह पंजो के निशान मिल रहे है. इस आधार पर पट्टेदार बाघ की आयु 7 से 8 वर्ष रहने का अनुमान वनविभाग ने व्यक्त किया है. इस जंगल में बाघ का अस्तित्व सिद्ध करनेवाले प्रमाणित सबूत वनविभाग को मिले है. जंगल में उसे लगनेवाला आवश्यक खाद्य व पेयजल की सुविधा रहने से बाघ पूरी तरह इस जंगल में डेरा जमाकर बैठ गया है.

* वनविभाग द्वारा अलर्ट जारी
वडाली और चांदुर रेलवे के जंगल में बाघ का संचार रहने के जगह-जगह पैरो के निशान और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान से सिद्ध हो गया है. चांदुर रेलवे वनविभाग में बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चिरोडी और चांदुर रेलवे सर्कल के जंगल में कुछ स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाए है.

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