मलेरिया योजना के हस्तांतरण को तीव्र विरोध
जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आक्रोश प्रदर्शन

मोर्शी/दि.10-महाराष्ट्र राज्य हिवताप निर्मुलन कर्मचारी मध्यवर्ती संघटना जिला अमरावती व महाराष्ट्र राज्य प्रयोगशाला वैज्ञानिक अधिकारी मध्यवर्ती संघटना अमरावती के संयुक्त तत्वावधान में मलेरिया योजना के अधिकारी व कर्मचारियों ने मलेरिया योजना के हस्तांतरण का विरोध किया है. हस्तांतरण रोकने के लिए 9 अप्रैल को दोपहर 2 से 5 बजे तक जिलाधिकारी कार्यालय के सामने ध्यानाकर्षण आक्रोश प्रदर्शन किया गया. इस दौरान हस्तांतरण विरोध के नारे लगाए गए. आंदोलन में मलेरिया व फाइलेरिया विभाग के सभी संवर्ग के आरोग्य पर्यवेक्षक, प्रयोग शाला वैज्ञानिक अधिकारी, आरोग्य निरिक्षक, आरोग्य कर्मचारी, क्षेत्र कर्मचारी बडी संख्या में शामिल हुए.
प्रदेश महासचिव तथा जिला अध्यक्ष डी.एस.पवार के नेतृत्व में आंदोलन किया गया. इस आंदोलन में महासचिव पी.यु. गिरी, प्रयोगशाला वैज्ञानिक अधिकारी मध्यवर्ती संघटन के पदाधिकारी एस. जी. गवई, गोवर्धन राठोड, मनोज वरकंठे, व्ही.एम.तोंडरे, एस.डी.कपाले, मनोज कुमरे, शिल्पा शिर्के, जि. प. कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष पी. टी. गावंडे, हिवताप कर्मचारी संघटन के पी.एन. दातीर, डी. व्ही.देशमुख, एस. सी. माणिकपुरे ने मार्गदर्शन किया. उल्लेखनीय है कि, डी.एस.पवार ने हिवताप योजना के 2006 व 2019 में हस्तांतरण का विरोध किया था. अधिकारी और कर्मचारियों के तीव्र विरोध के कारण सरकार को इसका अमल स्थगित करना पडा था. कल किए गए आंदोलन में अधिकारी व कर्मचारियों ने बडी संख्या में सहभागी होकर रोष व्यक्त किया. इस हस्तांतरण प्रक्रिया के कारण मलेरिया विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों पर होने वाला अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे, इसके लिए संगठन के नेतृत्व में प्राथमिक स्वरूप के ध्यानाकर्षण आक्रोश प्रदर्शन से आंदोलन की शुरुआत हुई. सरकार व प्रशासन ने इस आंदोलन को ध्यान में लेकर हस्तांतरण की कार्रवाई तुरंत रोकें, अन्यथा भविष्य में तीव्र आंदोलन छेडा जाएगा, यह चेतावनी आंदोलनकारियों ने दी.
आंदोलन दौरान बायोमेट्रिक फेस रिंडिंग मस्टर को भी विरोध दर्शाया गया. मलेरिया योजना का जिला परिषद यंत्रणा के पास हस्तांतरण का अमल करने के लिए 26 मार्च 2025 के पत्रक नुसार दिया गया निर्देश स्थगित करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया. जिलाधिकारी संगठन का ज्ञापन सरकार को भेजेंगे, यह आश्वासन दिया. आंदोलन में तालुका अध्यक्ष व प्रतिनिधि एस. व्ही.जयस्वाल, भाष्कर रिठे, पी.ओ.लुंगे, बालासाहेब तराल, पी. एन.दातीर, सचिन संदीप लांडे, सी.जी.खंडारे, शंकर हरल, विनय उल्हे, बालकृष्ण तायडे, रामेश्वर नागपूरकर, प्रकाश मंगले, एस. एस. वाडीकर, विजय सालुंके, प्रमोद भावेकर, किशोर बकाले, हेमंत सोलंके, भारत ढोमणे, ए. डब्ल्यू संभे, आर.एस शिंगोकर, शेख हैदर अली, निवेदिता झटाले कार्याध्यक्ष, आशिष नंदेश्वर, श्रुती सव्वालाखे, निखिल कोते, वर्षा कांबले, मनीषा निंबोरकर, आशिष कांडलकर, श्रीकांत मुंदेकर, पूजा मते, यु. ई. खोडपे, बी.एस. वावरे, डॉ.जुनेद सहित करीब 200 कर्मचारी शामिल हुए.