अभाविप का ‘छात्र आसूड आंदोलन’
विद्यापीठ कानून असंवैधानिक तरीके से पारित करने का विरोध
* बैलगाडी पर शिक्षामंत्री का नकाब पहना विद्यार्थी किया विराजमान
अमरावती/ दि.25– शितकालिन अधिवेशन में लोकतंत्र बिगाडकर हंगामेदार वातावरण में शिक्षा के गुणवत्ता पर विपरित परिणाम करने वाला बदलाव महाराष्ट्र सार्वजनिक विद्यापीठ कानून असंवैधानिक तरीके से पारित किया गया. राज्य सरकार का विद्यापीठ क्षेत्र में हस्तक्षेप व विद्यापीठ कानून के काले बदलाव के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से विद्यापीठ स्वायतत्ता बचाव आंदोलन 3 फरवरी से शुरु किया गया. इसी श्रृंखला में विद्यार्थियों ने आज शिक्षामंत्री का नकाब पहनाकर एक विद्यार्थी को बैलगाडी पर विराजमान करते हुए ‘छात्र आसूड आंदोलन’ करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अनुसार महाराष्ट्र शासन ने बदलाव किये विद्यापीठ कानून के कारण शिक्षा क्षेत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप बढकर बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार बढेगा, शासन के इस निर्णय के कारण राज्य के सभी शासकीय विद्यापीठ के कुलपति रहने वाले राज्यपाल भी कुलगुरु की सीधे नियुक्ति नहीं कर पायेंगे. राज्य शासन पूरी तरह कुलपति अधिकार में हस्तक्षेप कर रहे है. विद्यापीठ में कुलपति पद पर प्र-कुलगुरु के रुप में एक नया पद निर्माण किया जाएगा. उस पद पर उच्च व तंत्रशिक्षामंत्री की नियुक्ति की जाएगी. इससे विद्यार्थी स्वायतत्ता पर नियंत्रण लाने का प्रयास राज्य शासन कर रहा है.
विद्यापीठ कानून के काले बदलाव के कारण शिक्षा की गुणवत्ता कम होकर विद्यार्थियों का नुकसान होगा. इसलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व्दारा वे महाराष्ट्र में विद्यापीठ स्वायतत्ता बचाव आंदोलन शुरु किया है. शुरुआत में हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से आंदोलन की शुरुआत की. 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने हस्ताक्षर कर बदलाव के विरोध में नाराजी व्यक्त की. 9 फरवरी को तहसील कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया. इस बदलाव के कारण बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार और राजकिय हस्तक्षेप बढेगा. जिसका विपरित परिणाम शिक्षा के गुणवत्ता पर होने के कारण विद्यार्थियों का भारी नुकसान होगा. फिलहाल विद्यार्थी कई समस्याओं से जुझ रहे है. उनकी समस्या पर ध्यान न देने वाली राज्य सरकार को नींद से उठाने के छात्र आसूड आंदोलन किया गया, ऐसी जानकारी विदर्भ प्रांत मंत्री अखिलेश भारतीय ने दी. इस आंदोलन के समय अभाविप अमरावती महानगर मंत्री चिन्मय भागवत, महानगर सहमंत्री सावनी सामदेकर, श्रेयस देशमुख, लोकेश मालाणी, आशुतोष लांडे, समर्थ रागीट समेत अन्य विद्यार्थी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.