सबसे पहले विद्यार्थियों और शिक्षकों को मिले कोरोना वैक्सीन
प्रा. दिलीप निंभोरकर ने की सीएम ठाकरे से मांग
अमरावती/दि.२० – इस समय मुंबई में कोरोना की वैक्सीन का परीक्षण शुरू है, जो अपने अंतिम चरण में है. यदि इस वैक्सीन का परीक्षण सफल होता है और वैक्सीन कारगर साबित होती है, तो यह वैक्सीन सबसे पहले शालेय व महाविद्यालयीन विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को दी जाये. इस आशय की मांग का पत्र शिक्षक भारती की ओर से विभागीय अध्यक्ष प्रा. दिलीप निंभोरकर ने मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को भेजे गये पत्र में की है.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-१९ हेतु बनायी जा रही वैक्सीन के सफल होने पर उसके वितरण हेतु प्राधान्यक्रम तय किया है. किंतु इसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों का उल्लेख नहीं है. इस समय सरकार द्वारा सौंपे जानेवाले विभिन्न कामों और ऑनलाईन शिक्षा की दोहरी जिम्मेदारी राज्य के सभी शिक्षक निभा रहे है. साथ ही उन्हें स्कुल में उपस्थित रहना भी अनिवार्य किया गया है. ऐसे में शिक्षकों एवं उनके परिजनों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ गया है. साथ ही कई स्थानों पर शिक्षकों के कोरोना संक्रमित होने और इस संक्रमण की वजह से उनकी मौत होने के भी मामले सामने आये है.
प्रा. दिलीप निंभोरकर के मुताबिक भविष्य के लिहाज से शिक्षा क्षेत्र अपने आप में सबसे महत्वपूर्ण है. ऐसे में सर्वप्रथम शिक्षा क्षेत्र से वास्ता रखनेवाले विद्यार्थियों व शिक्षकोें को कोरोना वैक्सीन का डोज दिये जाने पर स्कुल व महाविद्यालय जल्द से जल्द शुरू हो सकेंगे. अत: प्राधान्यक्रम में सबसे पहले शिक्षकों व विद्यार्थियों को रखा जाना चाहिए. इस आशय की मांग प्रा. दिलीप निंभोरकर ने राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को भेजे गये पत्र में की है.