पालकों की अनुमति के बिना विद्यार्थियों को आश्रमशाला में प्रवेश नहीं
कोरोना को लेकर बना हुआ है खतरा
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1 दिसंबर के मुहूर्त को लेकर संभ्रम कायम
अमरावती/दि.1 – आदिवासी विकास विभाग के अधिनस्थ आश्रमशालाओं व छात्रावासों को आगामी 1 दिसंबर से शुरू करने के संदर्भ में एक पत्र विगत 20 नवंबर को आयुक्त पवनीत कौर द्वारा जारी किया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अप्पर आयुक्त द्वारा कहा गया है कि, कोरोना संक्रमण का खतरा कायम रहने के चलते अभिभावकों के सहमति पत्र के बिना विद्यार्थियों को शालाओं में प्रवेश नहीं दिया जायेगा. ऐसे में अब यह तय नहीं है कि, आगामी 1 दिसंबर से शालाओं से आश्रमशालाओं व छात्रावास खुलने जा रहे है अथवा नहीं.
‘ट्राईबल’ की आश्रमशालाओं, छात्रावासों, एकलव्य निवासी शालाओं को खोलने के बारे में तमाम आवश्यक नियोजन किये गये है, लेकिन कोरोना की संभावित स्थिति को ध्यान में रखते हुए धारणी, अकोला, पांढरकवडा, कलमनुरी, पुसद, किनवट व औरंगाबाद इन सातों प्रकल्प अंतर्गत शालाएं शुरू करने में काफी विलंब लगना तय है. इसी तरह मुख्याध्यापकोें, शिक्षकों व शाला व्यवस्थापन समिती पदाधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए ही आश्रमशाला, वसतीगृह व एकलव्य निवासी शाला को खोला जायेगा. साथ ही वहां पर बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर आवश्यक सतर्कता भी बरती जायेगी.
- सभी आश्रमशालाओं, छात्रावासों व एकलव्य निवासी शालाओें में बच्चों के प्रवेश हेतु पालकों का सहमति पत्र आवश्यक रहेगा. इस सहमति पत्र के बिना किसी भी बच्चे को 9 वीं से 12 वीं की कक्षाओं में प्रवेश नहीं दिया जायेगा. सभी शालाओें में कोरोना प्रतिबंधात्मक उपाययोजनाओं हेतु नियोजन किया जायेगा. जिसके बाद शालाओं को खोलने के संदर्भ में जल्द ही तारीख तय की जायेगी.
– विनोद पाटील
अप्पर आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग, अमरावती.