विद्यार्थियों को सोशल मीडिया पर रहना जरूरी नहीं
विदर्भ खाटिक समाज सेवा समिति द्बारा प्रतिभाशाली छात्रों का सत्कार
* प्राचार्य डॉ. सलीम चव्हाण का प्रतिपादन
अमरावती/ दि. 10- 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा विद्यार्थियों के जीवन में टनिर्र्ग प्वाइंट है. उस स्थिति में विद्यार्थियों के साथ पालको को भी जागरूक रहना चाहिए. विद्यार्थियों को सोशल मीडिया पर रहना जरूरी नहीं है. यह प्रतिपादन प्राचार्य डॉ. सलीम चव्हाण ( गोविंदराव वंजारी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिेंग एण्ड टेक्नोलॉजी नागपुर) ने किया.
विदर्भ खाटिक समाज सेवा समिति की ओर से स्थानीय सुयोग मंगलम में खाटिक समाज की 10 वीं और 12 वीं में मेधावी विद्यार्थी और विविध क्षेत्र में गुणवत्ता प्राप्त विद्यार्थियों का गुण गौरव समारोह 8 जुलाई को हुआ. इस दौरान वे बतौर प्रमुख मार्गदर्शक के रूप में बोल रहे थे. समारोह के अध्यक्ष सुधीर लसनकर, प्रमुख अतिथि के तौर पर बाबराव दाते कला व वाणिज्य महाविद्यालय , यवतमाल के प्राध्यापक डॉ. ताराचंद कंटाले साथ ही समिति के उपाध्यक्ष अशोक पारडे, सुरेश वानखडे, सहसचिव मनोज सदाफले, कोषाध्यक्ष गणेश नेहर उपस्थित थे.
मानसिकता में बदलाव होना, विद्यार्थियों के साथ ही पालकों का भी समुपदेशन होना जरूरी हुआ है. समाज आज प्रगति की पगडंडी की राह पर है. लेकिन इस समाज के विद्यार्थियों को आवश्यक मार्गदर्शन का अभाव है. विद्यार्थियों ने मार्गदर्शन के लिए कहा जाए यह बडी समस्या है. अब जाति निहाय हक के रिसोर्स निर्माण करना जरूरी हुआ है. यह बात पुणे स्थित यशदा और केंद्र सरकार के हैदराबाद स्थित एनआईआरडी के राज्यस्तरीय प्रशिक्षक नामदेव झोंबाडे ने कही. प्रा. डॉ. ताराचंद कंटाले ने कहा कि संस्कार महत्वपूर्ण है. जब संस्कार अकाल पडता है तब मानवता की कमी होती है.
विद्यार्थियों ने शैक्षणिक प्रगति हासिल करते हुए जीवन की गुणवत्ता सूची में अव्वल आने का प्रयास करना चाहिए. चरित्र का संवर्धन करना चाहिए. तहसीलदार माकोडे द्बारा प्राप्त शुभकामना संदेश का वाचन इस समय किया गया. संत गाडगेबाबा और सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा का पूजन मान्यवरों के हाथों किया गया. 10 वीं और 12 वीं के मेघावी विद्यार्थियों , विविध क्षेत्र में गुणवत्ता प्राप्त विद्यार्थियों का पालकों सहित स्मृतिचिन्ह, प्रमाणपत्र, पुष्पगुच्छ प्रदान कर सराथ ही जिनिंग प्रेसिंग संस्था पर चयन होने पर श्रीराम नेहर का मान्यवरों के हाथों सत्कार किया गया. कार्यक्रम में नंदकिशोर हरणे, रामेश्वर माहुलकर सहित विद्यार्थी, पालक बडी संख्या में उपस्थित थे.