अमरावती

मोबाइल के कारण परंपरागत खेल से दूर हो रहे छात्र

तहसीलदार माटोडे का कथन

ग्रीष्म शिविर का किया उद्घाटन
चांदुर रेल्वे/दि. ४- बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए परंपरागत प्राचीन खेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. किंतु बढ़ते शहरीकरण और मोबाइल के अधिक इस्तेमाल तथा विभक्त परिवार के कारण प्राचीन खेल विलुप्त हो रहे है. इसलिए अब व्यक्तित्व विकास के लिए और परंपरागत खेल का आनंद दिलाने का काम छंद शिविर पूरा कर रहे है, यह बात तहसीलदार पूजा माटोडे ने कही. पीपल्स कला मंच और गट साधन केंद्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय नाट्य अभिनय और व्यक्तित्व विकास शिविर काव आयोजन स्थानीय गट साधन केंद्र में किया गया. इस शिविर के उद्घाटन अवसर पर वे बोल रही थी. कार्यक्रम में संस्था के संस्थापक अध्यक्ष सिद्धार्थ भोजने, गटशिक्षाधिकारी मुरलीधर राजनेकर, विषय साधन व्यक्ति व शिविर संचालक विवेक राऊत, श्रीनाथ वानखडे उपस्थित थे. शिविर में स्टेज डेअरिंग, नाटक, नृत्य, गायन, मिट्टीकाम, कागजकाम, पक्षी निरीक्षण, चित्रकला, भाषा विकास आदि विषयों पर तज्ञों द्वारा मार्गदर्शन किया गया. शिविर के उद्घाटन अवसर पर पीपल्स कला मंच के नीलेश मोहकार, आकाश वाढोनकार, मयूर शिदोडकर, विहान राऊत, गटसाधन केंद्र के मंगेश बोरीकर, श्रीकृष्ण हिवराले, प्रमोद तागडे, वर्षा गादे, निखिल दानापुरकर, सुनील धोंडे उपस्थित थे. संचालन अनिल गोंडसे ने किया.

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