विद्यार्थियों ने ही बनाई सहल की योजना
फिर भी ऋषिकेश कालमेघ मृत्यु प्रकरण की जांच जारी
* मेघे कॉलेज का स्पष्टीकरण
अमरावती/दि.8- पुराने राम मेघे अभियांत्रिकी महाविद्यालय के उत्तर भारत की सहल पर गए विद्यार्थियों के समूह ने ही सहल की योजना बनाई थी. महाविद्यालय के प्राध्यापक उनकी सुविधा और मदद के लिए भेजे गए थे. इस दौरान एक छात्र ऋषिकेश कालमेघ की दुखद मृत्यु हो गई. इस बारे में तथ्यों की जांच हेतु महाविद्यालय में समिति गठित की गई है. समिति व्दारा जांच पडताल शुरु रहने की जानकारी आज दोपहर महाविद्यालय की तरफ से अमरावती मंडल को दी गई.
उल्लेखनीय है कि ऋषिकेश सतीश कालमेघ की तबीयत गत 18 जनवरी को अमृतसर में अचानक बिगड गई. उस समय मेघे कॉलेज के छात्र-छात्राओं का जत्था अमृतसर और उत्तर भारत के कुछ स्थल एवं प्रोजेक्ट के स्टडी टूर पर था. 20 जनवरी को उपचार दौरान ऋषि की दुखद मृत्यु हो गई. इस बारे में कॉलेज प्रबंधन ने आज दोपहर स्पष्ट किया कि 18 जनवरी को ऋषि के स्वास्थ्य में गिरावट आते ही सबसे पहले उसके पालकों को सूचित किया गया.
कॉलेज प्रबंधन ने विस्तृत स्पष्टीकरण में बताया कि, केवल पालकों को सूचित कर नहीं बैठे बल्कि प्राथमिक चिकित्सा के लिए ऋषि कालमेघ को अस्पताल में भर्ती किया गया. वहां डॉक्टर्स व्दारा जांच के बाद उसे फिर होटल लाया गया. इस सब की जानकारी पालकों को नियमित रुप से दी गई. पालकों की डॉक्टर्स से बात भी करवाई गई. टूर पर गए प्राध्यापकों ने ऋषिकेश कालमेघ के पालकों से तुरंत अमृतसर आने की विनती की.
अमृतसर आने के लिए विमान के तत्काल टिकट हेतु आवश्यक वैद्यकीय कागजात उपलब्ध करवाए गए. इसी दौरान कालमेघ परिवार के परिचित लोग अस्पताल में उपस्थित थे. प्राचार्य भी सतत पालकों के संपर्क में थे. पालकों ने ही प्राचार्य को स्वयं बताया कि, हमारे परिचित लोग अस्पताल में हाजीर हैं. इसलिए कॉलेज के प्राध्यापक वहां से लौट जाए तो उन्हें कोई एतराज नहीं है. घटना के पहले दिन 19 जनवरी को पालक अमृतसर अस्पताल में पहुंच गए थे. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच के लिए महाविद्यालय की समिति गठित की गई है, जो अपना काम कर रही है. उल्लेखनीय है कि ऋषि के पिता सतीश कालमेघ ने प्राचार्य के पास शिकायत देकर ऋषि की तबीयत खराब होने के बाद संबंधित प्राध्यापकों पर लापरवाही का आरोप किया था. शिकायत में कुछ प्राध्यापकों के नाम भी थे. जिसमें प्रा. अकर्ते, प्रा. इकबाल, एस.एस. दांडगे आदि व्दारा कोई जानकारी नहीं देने की बात शिकायत में कही गई.