नुक्कड नाटिका के माध्यम से छात्रों ने बढती जनसंख्या में बारे में की जागरूकता
विजया स्कूल फॉर एक्सीलेंस का तापडिया सेंटर में आयोजन
अमरावती/दि.18- विश्व जनसंख्या दिवस के उपलक्ष्य में विजया स्कूल फॉर एक्सीलेंस ने बढ़ती वैश्विक जनसंख्या के कारणों और प्रभावों के बारे में जागरुकता को लेकर तापाडिया सिटी सेंटर में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. जनसंख्या एक विकराल समस्या बन चुकी है. बढ़ती हुई जनसंख्या शिक्षा के माध्यम से भी समाज में जागरूकता के द्वारा नियंत्रित की जा सकती है. लोगों को आबादी नियंत्रित करने के महत्व को समझना चाहिए. विश्व जनसंख्या दिवस की महत्ता को समझते हुए विजया के प्रतिभाशाली ड्रामा स्कील के समूह ने रविवार 16 जुलाई को तापडिया सिटी सेंटर में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर एक नुक्कड नाटक प्रस्तुत किया.
छात्रों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण का संदेश दिया. नाटक को देखने के लिए माता-पिता और अमरावती वासियों को आमंत्रित किया गया था. स्कूल के अन्य छात्र- छात्राएं, कर्मचारियों, माता -पिता और अन्य लोगों ने भी नुक्कड़ नाटक देखने का आनंद लिया. नाटक के कलाकारों के बेहतरीन संवाद और आकर्षक दृश्यों के माध्यम से सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया. बढ़ती जनसंख्या के भयंकर दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं. सीमित प्राकृतिक संसाधन और मनुष्य की असीमित आवश्यकताओं से असंतुलन का खतरा बढ़ रहा हैं. यह नाटक के माध्यम से समझाने का प्रयास किया गया. नाटक में मुख्य अतिथि के रूप में तापडिया सिटी सेंटर के मार्केटिंग हेड श्रीकर्तिक राजस उपस्थित थे. इसके अलवा मुख्य रुप से विजया के स्टाफ पल्लवी देशमुख, मिनल दोड़के, तेजश्री देशमुख, नाटक निर्देशक शुभम ठाकरे, रश्मि देशमुख, शीतल भुजाडे, विजया के सहायक कर्मचारी चेतन बाहेकर, तेजस महाजन, मुरलीधर राघोर्ते, हर्षद चौहान, संदीप बन्ते, श्रीकांत राठौड़ ने कार्यक्रम को अधिक सफल बना दिया. नाटक का निर्देशक शुभम ठाकरे ने किया. उनके प्रयास व छात्र कलाकारों के उत्कृष्ट अभिनय की लोगों ने अत्यधिक सराहना कर कार्यकम को सफल बना दिया. विजया के बच्चों ने लोगों में जनजागृति पैदा करके अपने कर्तव्य और उत्तरदायित्व का पालन किया. साथ ही साथ उन्होंने संदेश दिया कि सरकार के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए और परिवार कल्याण और नियोजित परिवार जैसी योजनाओं के माध्यम से बढ़ती हुई जनसंख्या को नियंत्रण में लाने के लिए खुद को जागरूक रखकर अपने आसपास के परिवारजनों,समाज के लोगों और साथ ही साथ सरकार की जन जागरूकता अभियान में बढ़-चढ़कर अपनी साझेदारी को प्रस्तुत करना चाहिए.