अमरावती

रामकृष्ण क्रीडा विद्यालय के विद्यार्थियों ने सहल का उठाया लुफ्त

वझ्झर डैम, मुक्तागिरी को दी भेंट

अमरावती/ दि.23 – कोरोनाकाल के दो वर्ष शालेय विद्यार्थी घर में ही बैठे थे, लेकिन यह संकट समाप्त होने और सभी पाबंदियां हटने के बाद शालाएं पूर्ववत शुरु हो गई और अब शाला के विविध शैक्षणिक उपक्रमों की शुरुआत हुई है. विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम के अभ्यासक्रम की प्रत्यक्ष अनुभूति व निरीक्षण करने का अवसर मिलने के लिए शैक्षणिक सहल क्षेत्र को भेंट उपक्रम शालेय शिक्षा में महत्वपूर्ण घटक है. इसी निमित्त हव्याप्रमं व्दारा संचालित रामकृष्ण क्रीडा विद्यालय के विद्यार्थियों की सहल का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसका सभी विद्यार्थियों ने आनंद उठाया.
रामकृष्ण क्रीडा विद्यालय के मिडल स्कूल के विद्यार्थियों की वझ्झर डैम (सापन सिंचन प्रकल्प), श्रीक्षेत्र मुक्तागिरी की सहल शाला के मुख्याध्यापक विवेक मोहोड, उपमुख्याध्यापिका मंजूषा करमरकर, पर्यवेक्षक विनोद अढाव के मार्गदर्शन में आयोजित की गई थी. इस सहल में वझ्झर डैम, मुक्तागिरी के जैन मंदिर, वहां की भौगोलिक रचना, बांध, पानी, उंची पहाडियां घने पेड, जैन धर्म की शिक्षा, मंदिर की रचना आदि बाबत इतिहास, भूगोल विषय के अभ्यासक्रम के एतिहासिक और भौगोलिक जानकारी इस अवसर पर सहल में शामिल सभी विद्यार्थियों को दी गई. सभी विद्यार्थियों ने निसर्गरम्य वातावरण का भरपुर आनंद उठाया. इस सहल में 200 विद्यार्थियों का सहभाग था. इस सहल का शाला के वरिष्ठ शिक्षक विनोद इंगोले ने नियोजन किया था. इस उपक्रम को सफल बनाने के लिए नामदेव पारिसे, गजानन कालोरकर, गजानन भालेराव, मयुर तायडे, डी. एस. बोरकर, राजू कराले, सुनील आमले, अनिल बेलसरे, सुनील गाडवे, सुनंदा इताल, सुनीता मनवरकर, आशा बोरकर, संजय मालवीय, धीरज निचित, संजय धाकुलकर, भाग्यश्री बनसोड आदि शिक्षकों ने अथक प्रयास किया.

 

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