अमरावती

ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को मिले शॉर्ट टर्म कोर्स का लाभ

शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख का प्रतिपादन

* जीएसटी सर्टिफिकेट कोर्स का शानदार उद्घाटन
* अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंड्रस्टिज, डॉ. पंजाबराव देशमुख लॉ कॉलेज का उपक्रम
अमरावती/दि.2 – कोरोना काल में शिक्षा का आधुनिकीकरण हुआ है. लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्र में ऑनलाइन शिक्षा पद्धति पहुंच नहीं पायी है. हम शहरीकरण के साथ स्थानीय बच्चों को शिक्षा प्रदान करने पर बल देते है. इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को शिक्षा से रुबरु कराते हुए उन्हें ऑफलाइन पद्धति से शॉर्ट टर्म कोर्सेस का लाभ देने का प्रतिपादन शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने किया. स्थानीय शिवाजी सायंस कॉलेज के सी.वी. रमन सभागार में शुक्रवार को जीएसटी दिवस व सीए दिवस के विशेष पर्व पर अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंड्रस्टिज, डॉ. पंजाबराव देशमुख लॉ कॉलेज वी.टी.पी.ए. नागपुर एवं जीएसटी पी.ए.एम. मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में जीएसटी सर्टिफिकेट कोर्स का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर वे बतौर अध्यक्ष बोल रहे थे.
कार्यक्रम में अमरावती विद्यापीठ के प्र-कुलगुरु विजय कुमार चौबे, महाराष्ट्र जीएसटी प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए आलोक मेहता, जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर अनंत रथ, विदर्भ टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष एड. जगदिश शर्मा, अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंड्रस्टिज के अध्यक्ष विनोद कलंत्री, शिवाजी शिक्षा संस्था के कोषाध्यक्ष दिलीपबाबू इंगोले, डॉ. पंजाबराव देशमुख विधि महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. वर्षा देशमुख, शिवाजी सायंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जी.वी. कोरपे, ज्वाईंट सेक्रेटरी पार्थ बोडका, जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर आर.एस. बछेवार प्रमुख रुप से उपस्थित थे. कार्यक्रम में शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने आगे कहा कि, हम ग्राहक है, इस कारण हमारा टैक्स से अप्रत्यक्ष रुप से संबंध आता है. वहीं अनंत रथ ने कहा कि, जीएसटी कार्सेस में छात्रों की संख्या अधिक होनी चाहिए. वर्तमान में सीए की पढाई करने वाले अथवा प्रैक्टिशर विद्यार्थियों को इन कोर्सेस से जोडने का सुझाव बेहतरीन है. विद्यापीठ में आने वाले समय में जीएसटी से जुडे कोर्सेस लिये जाए. जिसका विद्यार्थियों को अधिक से अधिक लाभ मिले. इस वक्त उन्होंने संस्था द्बारा इंस्टीट्यूट विकास में दिये जा रहे योगदान की जानकारी दी.
कार्यक्रम के उद्घाटक विजयकुमार चौबे ने कहा कि, शिक्षा संस्था का टैक्स से संबंध नहीं होना चाहिए, लेकिन ऐसा संभव नहीं होता. विविध माध्यम से अमरावती विद्यापीठ भी जीएसटी का एक ग्राहक बन चुका है. शिक्षा व उद्योग में समन्वय बनाया जाए, तो आने वाले समय में हम उद्योग क्षेत्र में क्रांति ला सकते है. लेकिन वर्तमान में उद्योग जगत तकनीकी कारागिरों की मांग नहीं करते. इस कारण उद्योग से जुडे पाठ्यक्रमों का निर्माण नहीं किया जाता. इस शैक्षणिक वर्ष में हम सीबीएससी कोर्स शुरु कर रहे है. ताकि उद्योगों को प्रशिक्षित युवा प्राप्त होंगे, यह प्रयास है. इन कोर्सेस को जो रिस्पान्स मिलेगा, उसके आधार पर आने वाले समय में विद्यापीठ द्बारा इस प्रकार के डिग्री कोर्सेस का निर्माण करने का मानस उन्होंने व्यक्त किया. आलोक मोहता ने अपने प्रतिपादन में बताया कि, ज्ञान यह पॉवरफुल टूल है. नॉलेज व शिक्षा देना हमारे लिए प्रेरक कार्य है. युवा देश का आधार व अर्थ व्यवस्था का मूलाधार है. इस प्रकार के सर्टिफिकेट कोर्सेस के माध्यम से देश के विविध राज्य में रहने वाले लोगों को जीएसटी से रुबरु करवाने का मौका मिलेगा. शिक्षा ऑनलाइन व ऑफलाइन पद्धति से दी जाए. इससे कोई फर्क नहीं पडता. जिस प्रकार विधि महाविद्यालय में ऐसे कोर्सेस की शुरुआत की है. इसी प्रकार अन्य कॉलेज में भी यह कोर्सेस शुरु कर जीएसटी के प्रति जनजागृति करने का आवाहन उन्होंने किया.
जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर अनंत रथ ने कहा कि, विद्यार्थियों को इस प्रकार के कोर्सेस से जोडने का प्रयास करना चाहिए. ताकि विद्यार्थियों को समय के साथ जीएसटी में होने वाले बदलाव की जानकारी प्राप्त होगी. साथ ही वे खूद को अपडेट कर पाएंगे. विधि महाविद्यालय में आयोजित इस उपक्रम की सराहना कर उन्होंने जीएसटी के प्रति लोगों की संवेदनशीलता बढेगी. साथ ही जनजागृति भी होगी. इस अवसर पर विनोद कलंत्री ने बताया कि, चेंबर हमेशा ही जीएसटी में हो रहे बदलाव की विविध कार्यक्रमों के माध्यम से जानकारी देने का प्रयास कर रहा है. कार्यक्रम में प्राचार्य एड. वर्षा देशमुख, डॉ. प्राची कडू, एड. सुरेश चापोरकर, प्रकल्प राठी, देवदत्त शर्मा, झुबीन धोतीवाला, कृष्णराव इंगले, सीए आर.आर. खंडेलवाल, सीए. जितेंद्र खंडेलवाल, सीए. राजेश चांडक, सीए. ललित तांबी, सीए. पवन जाजू, सीए. विष्णुकांत सोनी, सीए. अनुपमा लढ्ढा, सीए. रतन शर्मा, एड. आर.डी. चांडक, एड. राजेश मुंधडा, एड. संदीप अग्रवाल, नरेश वर्मा, सुरेशचंद्र सोनी, संतोष चांडक, पल्लवी मांडवगडे, निता होनराव, जया हरवानी, डॉ. महेंद्र इंगोले, विधि महाविद्यालय के डॉ. राजेश पाटील, डॉ. दिपक लोखंडे, डॉ. मालवीय, डॉ. भाग्यश्री देशपांडे, डॉ. प्रकाश दाभाडे, एड. सपना विधले, रुतिमबरा चव्हाण, साहिल ठाकुर, विजय देशमुख, श्रीकांत हिरदे, उदय ठाकरे, प्राचार्य अंजली ठाकरे, वैशाली रोडे आदि उपस्थित थे.

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