अमरावती

ग्रामीण अंचल के छात्रों को शिक्षा के लिए करना पड रहा जद्दोजहद

बस सेवा का अभाव

* 3 किमी दूरी तक पैदल चलकर पहुंच रहे स्कूल
चांदुर रेल्वे/दि.20– तहसील के निमगव्हान और जावरा गांव के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने काफी जद्दोजहद करना पड रहा है. यहां पर बससेवा की सुविधा नहीं रहने से बच्चों को तीन किलोमीटर से अधिक दूर पैदल चलकर स्कूल पहुंचना पडता है. ‘ स्कूल चले हम’ का नारा ‘स्कूल पैदल चले हम’ ऐसा बनकर रह गया है. एक ओर महाराष्ट्र और केन्द्र सरकार सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर लाखों रूपये खर्च कर साक्षरता अभियान चलाकर शिक्षित भारत की संकल्पना को साकार करने एडी चोटी का जोर लगा रही तो दूसरी और ग्रामीण क्षेत्र में स्कूली बच्चों को बुनियादी सुविधाएं न रहने से और परिवाहन मंडल की गलत नीतियों के चलते पढाई करने निमगव्हान से जावरा तक 3 किलोमिटर पैदल चलकर जाना पड़ रहा है. इसलिए स्थानीय निमगव्हान और जावरा ग्राम पंचायत ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को स्कूली बच्चों के लिए निमगव्हान तथा जावरा से बससेवा शुरु करने संबंध ज्ञापन दिया, फिरभी स्कूल में पैदल चलकर जाना इन छात्रों की मजबूरी हो गई है.

चांदूर रेल्वे शहर में शिक्षा प्राप्त करने ग्रामीण क्षेत्र से हजारों बच्चे जिला परिषद, राजर्षी विद्यालय, स्व. बाप्पूराव देशमुख विद्यालय, मदन गोपाल मुंदडा और महिला महाविद्यालय में रोजाना आते है. ऐसे में निमगव्हान और जावरा गांव के बच्चों को रोजाना स्कूल आने और जाने के लिए 3 किलोमीटर पैदल चलना पड रहा है. इस निमगव्हान के बच्चे सुबह 3 किलोमीटर जावरा फाटे तक तथा श्याम में जावरा से निमगव्हान तक रोजाना 6 किलोमीटर शिक्षा ग्रहण करने पैदल चलते हैं. क्योंकि निमगव्हान और जावरा से चलनेवाली बस सेवा परिवहन विभाग ने अड़ियल रवैया के चलते पिछले कुछ महिनो से बंद कर दी है.

इस वजह से इन स्कूली बच्चों को रोजाना जावरा फाटे से घुईखेड से चांदूर रेल्वे की बस पकड़ना पड रहा है. यह बस घुईखेड से प्रवासियों को लेकर कई बार हाऊसफुल आती बच्चों को बस में चढने तक जगह नहीं रहती इस वजह से बच्चों को शिक्षा से वंचित रहना पड रहा इसका मतलब स्कुल चले हम यह ब्रीद वाक्य कागजों तक सिमटकर रह गया है. एक ओर सरकार साक्षरता अभियान चलाकर ग्रामीण लोगों को शिक्षा के मुख्य प्रवाह में लाकर शिक्षित करना चाहती है, वहीं परिवहन विभाग की नीतियों के चलते ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे पढाई से वंचित रहते दिखाई दे रहे है. जावरा गांव के संरपच, उपसरपंच और सदस्यों ने पिछले डेढ महिना पहले स्थानीय परिवहन विभाग के अधिकारी को ज्ञापन दिया, किंतु अधिकारियों ने इस विषय को गंभीरता से न लेकर ठंडे बस्ते में डालकर हजारों बच्चों को शिक्षा से वंचित रखा ऐसा आरोप निमगव्हान निवासी बच्चों के पालक कर रहे है.

* बस सेवा से शुरु नहीं हुई तो ठिया आंदोलन
निमगव्हान गांव के बच्चों पिछले कुछ महिनों से जावरा तक पैदल चलकर चांदूर रेल्वे की बस पकड रहे हैं. इस वजह से उन्हें रोजाना 3 घंटे का ज्यादा समय शिक्षा ग्रहण करने देना पड रहा है, इस वजह से बच्चों को घर पर पढाई करने समय नही मिल रहा. इस संबंध में ज्ञापन देने पर भी परिवहन विभाग अनदेखी कर रहे. यदि जल्द से जल्द निमगव्हान से चांदूर रेल्वे बससेवा शुरु करे, ताकि, जावरा गांव के बच्चे भी सुबह 9 और शाम 5.30 की बस से समय पर घर पहुंचेंगे. बस सेवा शुरु न हुई तो स्कूली बच्चों को लेकर परिवहन विभाग में ठिया आंदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा.
– मिलींद गुजरकार, सरपंच, जावरा.

* जल्द ही शुरु करेंगे बस सेवा
इस वर्ष शैक्षणिक सत्र सुरू होने पर भी निमगव्हान से स्कूल के बच्चों की बस पास हेतू कोई मांग और निवेदन मुझ तक नहीं मिला. अभी कुछ दिन पूर्व ही इस विषय मे निवेदन प्राप्त हुआ है. बच्चों के शिक्षा और सुविधा को ध्यान मे रख जल्द से जल्द बस फेरी शुरु कराएंगे.
– अनिकेत बलार्ड, डिपो मैनेजर, चांदुर रेल्वे

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