युक्रेन से लौटे छात्रोें को स्थानीय मेडिकल कॉलेज में दिया जाये प्रवेश
विद्यार्थियों व अभिभावकों ने जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन
अमरावती/दि.31- रूस व युक्रेन के बीच चल रहे युध्द की वजह से युक्रेन में मेडिकल पाठ्यक्रम की पढाई हेतु गये हजारों भारतीय छात्रोें को वहां से अपनी जान बचाकर भारत वापिस लौटना पडा और उनकी पढाई बीच में ही अधूरी छूट गई. चूंकि युध्द अब भी चल रहा है और यूक्रेन लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. ऐसे में हाल-फिलहाल इन विद्यार्थियों के युक्रेन वापिस लौटने के कोई आसार भी नहीं दिखाई दे रहे है. जिसके चलते इन विद्यार्थियों का काफी शैक्षणिक नुकसान हो रहा है. अत: इन मेडिकल विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान टालने हेतु उन्हें स्थानीय मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश देकर समायोजित किया जाये. इस आशय की मांग युक्रेन से अमरावती वापिस लौटे विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों द्वारा जिलाधीश पवनीत कौर को सौंपे गये ज्ञापन में की गई है.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, रूस व युक्रेन युध्द की वजह से अपनी पढाई को बीच में ही अधूरी छोडकर वापिस लौटनेवाले विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान नहीं होने देने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्र सरकार के संबंधित मंत्री ने लोकसभा में आश्वासन दिया था. अत: बेहद जरूरी है कि, उस आश्वासन पर अमल भी किया जाये. इस ज्ञापन में बताया गया कि, राज्य के अलग-अलग जिलों तथा देश के अलग-अलग राज्यों में सरकार व प्रशासन द्वारा अपने-अपने क्षेत्र के युक्रेन से लौट विद्यार्थियों को स्थानीय मेडिकल कॉलेजोें में समायोजित करने का निर्णय लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अत: ऐसी ही प्रक्रिया अमरावती के जिला प्रशासन द्वारा भी शुरू की जानी चाहिए, ताकि युक्रेन से अमरावती लौटे विद्यार्थियों का कोई नुकसान न हो. इस समय सभी अभिभावकों ने अपने बच्चों को युक्रेन के युध्दग्रस्त क्षेत्रों व कठीन हालात के बीच से बाहर निकालकर भारत वापिस लाने हेतु केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार व जिला प्रशासन के प्रति आभार भी ज्ञापित किया. ज्ञापन सौंपते समय युक्रेन से वापिस लौटे विवाश्री तायडे, ऋषभ गजभिये, कुणाल कावरे, प्रणव फुसे, अभिषेक बारब्दे, नेहा लांडगे, स्वराज पुंड, तुषार गंधे, समीक्षा ढगे, तेजस्विनी देवतले, मैथिली गुल्हाने, प्रणव भारसाकले, शुभम सोनुले, तनिष्क सावंत सहित उनके अभिभावक बडी संख्या में उपस्थित थे.