अमरावतीमहाराष्ट्र

विद्यार्थी आपदा व्यवस्थापन की सामूहिक जिम्मेदारी स्वीकारें

कमांडन्ट संतोषसिंग का आवाहन

* संगाबा विद्यापीठ में चान्सलर्स ब्रिगेड -2024 का उद्घाटन
अमरावती/दि. 8– देश में नैसर्गिक आपदा सहित विविध आपदाओं का प्रमाण दिनोंदिन बढ रहा है. आपदाओं का सामना करने के लिए रासेयो विद्यार्थियों को स्पर्धाओं के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसमें विद्यार्थी आपदा व्यवस्थापन की सामूहिक जिम्मेदारी स्वीकारे, ऐसा आवाहन एन.डी. आर. एफ. पुणे के कमांडन्ट संतोषसिंग ने विद्यार्थियों से किया. वे संत गाडगेबाबा विद्यापीठ में आव्हान-2024 चान्सलर्स ब्रिगेड महाराष्ट्र राज्य आंतरविद्यापीठ आपदा पूर्व तैयारी प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे.
कमांडन्ट संतोषसिंग के हस्ते विधिवत शिविर का उद्घाटन किया गया. शिविर की अध्यक्षता कुलगुरू मिलिंद बाराहाते ने की तथा प्रमुख अतिथि के रूप में डॉ. महेंद्र ढोरे, व्यवस्थापन परिषद सदस्य डॉ. रविंद्र कडू, डॉ. भैयासाहब मेटकर, डॉ. वी.एच. नागरे, डॉ. नितीन चांगोले, कुलसचिव अविनाश असनारे, रासेयो संचालक डॉ. नीलेश कडू सहित विविध विद्यापीठों के पदाधिकारी उपस्थित थे.
शिविर में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए संतोष सिंग ने आगे कहा कि राज्यपाल महोदय ने साल 2011 से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है. आज देश के सामने विविध आवाहन है. इन आवाहनों का सामना करने की जिम्मेदारी विद्यार्थियों ने अपने कंधों पर लेने की आवश्यकता है. जिसके लिए उन्हें आपदा व्यवस्थापन प्रशिक्षण देकर सक्षम बनाया जा रहा है. इस शिविर में ज्ञान सहित प्रात्यक्षिक पर भी मांगदर्शन किये जाने पर प्रशिक्षित विद्यार्थी विविध आवाहनों का सामना करने में सक्षम होंगे.
अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलगुरू डॉ. मिलिंद बाराहाते ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए जीवन में अनेक संकट आयेंगे. उन संकटों का सामना विद्यार्थी धैर्य के साथ करें. नैसर्गिक आपदा हमेशा आती रहती है, ऐसी परिस्थिति में विद्यार्थी उसका मुकाबले करें. विद्यापीठ द्बारा 10 दिनों का प्रशिक्षण शिविर में दिया जा रहा है. यहां से प्रशिक्षण लेकर विद्यार्थी अपनी- अपनी विद्यापीठों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करें.
इस अवसर पर व्यवस्थापन परिषद सदस्य डॉ. रविन्द्र कडू ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन करते हुए कहा कि साल 1993 में जब राज्य के लातुर में भूकंप आया भूकंप से बहुत बडा नुकसान हुआ था. उस समय हमने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से लातूर के भूकंप ग्रस्तों की सहायता की थी. किंतु उस समय इतने बडे प्रमाण में साधन सामग्री नहीं थी. फिर भी भूूकंप ग्रस्तों की सहायता की गई. इस शिविर में प्रशिक्षण लेकर विद्यार्थी आपदा में अपने कर्तव्य का निर्वहन करें, ऐसा आवाहन भी उन्होंने किया.
इस आपदा पूर्व तैयारी प्रशिक्षण शिविर में 15 नवंबर तक विद्यार्थियों को अग्निसुरक्षा, अग्निरोधक, जंगल की आग, भूकंप, ज्वालामुखी, भुस्खलन , सर्पदंश, जैविक व रासायनिक आपदा, बाढग्रस्त व्यवस्थापन इस प्रकार से विविध आपदा व्यवस्थापन का प्रशिक्षण दिया जायेगा. विद्यार्थी यहां प्रशिक्षण लेकर नैसर्गिक आपदा व्यवस्थापन में अपना कर्तव्य निभायेंगे. राष्ट्रगीत, महाराष्ट्र गीत, विद्यापीठ गीत, आव्हान गीत से कार्यक्रम की शुरूआत की गई. सभी अतिथियों का स्मृतिचिन्ह प्रदान कर स्वागत किया गया. शिविर का प्रास्ताविक कुल सचिव डॉ. अविनाश असनारे ने किया व संचालन उप कुल सचिव डॉ. सुलभा पाटिल ने किया तथा आभार रासेयो संचालन डॉ. नीलेश कडू ने माना. इस समय विद्यापीठ के सभी अधिकारी, प्रशासकीय अधिकारी, कर्मचारी शिक्षक, एन डी आर एफ पुणे की टीम सहित राज्य के 23 विद्यापीठों के रासेयो स्वयंसेवक, छात्र-छात्राएं बडी संख्या में उपस्थित थे.

 

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