अमरावतीमहाराष्ट्र

छात्र जनसेवा के माध्यम से आयुर्वेद को बढ़ावा दें

अधिवक्ता रवि देशपांडे का आह्वान

* विदर्भ आयुर्वेदिक महाविद्यालय में ‘शरीरम’ सहित विभिन्न गतिविधियों का समापन
अमरावतीे/दि.13-आज वैज्ञानिक क्रांति के कारण आधुनिक चिकित्सा क्षेत्र में नए अनुसंधान सफल हो रहे हैं. परिणामस्वरूप, कई गंभीर बीमारियों का इलाज आसानी से उपलब्ध है. यद्यपि आधुनिक चिकित्सा में डॉक्टरों की संख्या और उपचार पद्धतियां अधिकांश बीमारियों पर काबू पा सकती हैं, लेकिन यह भी सच है कि शरीर और मन को पूरी तरह स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद का कोई विकल्प नहीं है. विद्यार्थी जितना अधिक इस आयुर्वेदिक शिक्षा का अध्ययन और अनुसंधान करेगा, वह उतना ही अधिक निपुण बनेगा और समाज को स्वस्थ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रदान करने में उतना ही अधिक सक्षम होगा. शिक्षा क्षेत्र के विद्यार्थियों को आयुर्वेद चिकित्सा की शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए तथा नए अनुसंधान के माध्यम से आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार करना चाहिए, यह बात श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के अध्यक्ष एड. रवि देशपांडे ने कही.
श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल द्वारा संचालित विदर्भ आयुर्वेदिक कॉलेज, छात्रों के ज्ञान और अभ्यास को प्रत्यक्ष रूप से बढ़ाने के लिए विभिन्न शैक्षणिक और प्रेरक गतिविधियों का क्रियान्वयन करता है. इसके एक भाग के रूप में, एनाटॉमी विभाग ने शरीर के विभिन्न अंगों की जानकारी, कार्य, उपस्थिति, विकारों और उपचार के बारे में जनता को सूचित करने के लिए शरीरम बॉडी एक्सपो 2025 का आयोजन किया. हाल ही में शरीरम प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली समूह का सम्मान एवं समापन समारोह आयोजित किया गया.
श्री हव्याप्र मंडल के अध्यक्ष एड. रवि देशपांडे, उपाध्यक्ष डॉ. श्रीकांतराव चेंडके, सचिव प्रो. डॉ. माधुरीताई चेंडके, महाविद्यालय की निदेशक डॉ. रविन्द्र वाघमारे, प्राचार्य डॉ. संजय चोपकर, रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. वैशाली वानखड़े, फिजियोथेरेपी विभागाध्यक्ष डॉ. अतुल जैन के साथ-साथ प्रदर्शनी प्रतियोगिता के रेफरी, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. निखिल चांदुरकर, शरीर रचना विशेषज्ञ डॉ. धरती कुभर और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. शरीरम एक्सपो 2025 प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले तीन टीम को सम्मानित किया गया.

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