विद्यार्थी गुरू के रिश्ते को मजबूत बनाए
आचार्य स्वामी शाश्वतानंद सरस्वती महाराज का प्रतिपादन
टाकरखेडा संभू/ दि. 20- गुरू शिष्य का संबंध पुराने जमाने से चली आ रही परंपरा है. जिसके कारण विद्यार्थियों को इस रिश्ते को अच्छी तरह निभाकर उसे मजबूत बनाए. ऐसी सलाह आचार्य स्वामी शाश्वतानंद सरस्वती महाराज ने दी. बोराला में पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी आश्रम शाला में सुसंस्कार शिविर के समापन अवसर पर बोल रहे थे.
चंद्रपुरी महाराज शिक्षा प्रसारक मंडल द्बारा संचालित पुण्यश्लोक वीर अहिल्यादेवी आश्रम शाला बोराला में 12 से 19 मार्च दौरान सुसंस्कार शिविर का आयोजन किया गया था. इस दौरान रामजी प्रभू शेलुडकर महाराज व सीतारामजी गुंडेवाले महाराज ने 8 दिन में विद्यार्थियों को गुरूदेव सेवा मंडल की प्रार्थना सहित लाठीकाठी, कराटे, ध्यान, योगासन आदि विविध प्रकार के व्यायाम तथा संत तुकडोजी महाराज का उपदेश दिया. रविवार को इस शिविर का समापन किया गया. इस अवसर पर आचार्य स्वामी शाश्वता सरस्वती महाराज ने विद्यार्थियों को मागदर्शन किया. उन्होंने कहा कि संस्कार से ही विद्यार्थी आगे बढते है. इसके लिए आज के समय में शिविर की आवश्यकता है. विद्याथीे यदि त्याग की भावना रखे तभी उन्हें संस्कार की जानकारी होगी. कार्यक्रम के अध्यक्ष शेलुडकर महाराज थे. कार्यक्रम में मंच पर संस्था के संस्थापक सचिव विजय गोहत्रे, प्रियंका काकडे, गावंडे, मुख्याध्यापिका अरूना गुडधे, सिंधु गोहत्रे, गंगुबाई गोहत्रे, संदीप शेंडे, वरघड,अशोक शेंडे, अक्षय गोहत्रे, पल्लवी गोहत्रे, नितीन सहारे, मयुरी ावारे, सपना वानखडे, आदि उपस्थित थे.