अमरावती

शालेय शुल्क में विद्यार्थियों से सख्ती नहीं की जाएगी

शिक्षण अधिकारी ने जारी किए आदेश

  • मनवीसे के प्रयास सफल

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१० – कोरेाना महामारी के प्रादुर्भाव के चलते विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण दिया जा रहा है. शाला तथा महाविद्यालय पूर्ववत कब शुरु किए जाएगें यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है.ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली से शिक्षण ले रहे विद्यार्थियों को प्रयोगशाला, संगणक प्रशिक्षण शुल्क, खेल प्रशिक्षण शुल्क भी लगाया गया था. जिसमें विद्यार्थियों के अभिभावक का आर्थिक शोषण किया जा रहा था. जिसका परिणाम विद्यार्थियों पर हो रहा था. जिसकी वजह से अनेक विद्यार्थी शिक्षा से वंचित रह रह थे. इस आदेश को रद्द करने की मांग मनवीसे शहर अध्यक्ष हर्षल ठाकरे ने की थी.
हर्षल ठाकरे ने कहा था कि अभिभावकों की आर्थिक अडचन समझकर उन पर जो आर्थिक भार डाला गया है उसे कम किया जाना जरुरी है. कोरोना काल में बहुत से अभिभावकों के वेतन ५० प्रतिशत काट लिए गए थे. उनके विषय में विचार करते हुए जब तक शालाएं पूर्ववत शुरु नहीं होती तब तक शुल्क मे सख्ती न करें. जिस प्रकार से अभ्यासक्रम में २५ प्रतिशत कटौती की गई उसी प्रकार शैक्षणिक शुल्क में भी कमी करें. ऐसी मांग मनवीसे द्वारा की गई. जिसमें शिक्षण अधिकारी द्वारा पत्रक जारी कर मनवीसे की मांग मान ली गई है. इस समय भूषण फतोडे, संकल्प कुथे, ऋतुज डायलकर, कुणाल चोपडे, धीरज तायडे, दीप देशमुख, योगेश निंगोट, तिलक ठाकरे, योगेंद्र निंगोट, मयंक तांबूसकर, तेजस साखरकर उपस्थित थे.

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